Edited By Shubham Anand,Updated: 03 Dec, 2025 02:31 PM

मोतिहारी के संग्रामपुर सीएचसी में खांसी और सीने के दर्द से पीड़ित मरीज को गलती से रेबीज का इंजेक्शन लगा देने का मामला सामने आया। घटना पर सीएस रविभूषण श्रीवास्तव ने जांच की और सभी कर्मियों से पूछताछ की। पता चला कि पुर्जे पर प्रभारी पंकज कुमार का नाम...
नेशनल डेस्क : बिहार से एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मोतिहारी के संग्रामपुर सीएचसी में एक मरीज खांसी और सीने के दर्द की शिकायत के साथ इलाज कराने पहुंचा, लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उसे रेबीज यानी कुत्ता काटने का इंजेक्शन लगा दिया। इस घटना ने पूरे सरकारी अस्पताल सिस्टम की किरकिरी करा दी है।
सीएचसी में हड़कंप, CS ने की गहन जांच
मामला सामने आने के बाद मंगलवार को मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (सीएस) रविभूषण श्रीवास्तव ने संग्रामपुर सीएचसी पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जांच की। उन्होंने एक-एक कर्मचारी से पूछताछ की कि किसने मरीज का पुर्जा काटा, किसने दवा लिखी और आखिर सुई किसने लगाई। जांच के दौरान पता चला कि मरीज के पुर्जे पर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पंकज कुमार का नाम इलाजकर्ता के रूप में दर्ज था, जबकि उन्होंने मरीज की जांच की ही नहीं थी।
चतुर्थवर्गीय कर्मी पर सुई लगाने का आरोप
सीएस को बताया गया कि मरीज को रेबीज का इंजेक्शन एक चतुर्थवर्गीय कर्मी द्वारा लगाया गया, जबकि दवा किसी अन्य डॉक्टर ने लिखी थी। सीएस ने कहा कि मामले की गहन जांच जारी है और जो भी कर्मचारी दोषी पाया जाएगा, उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने लगाया साजिश का आरोप
उधर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पंकज कुमार ने दावा किया कि यह पूरी घटना उनके खिलाफ रची गई साजिश है। उन्होंने कहा कि सीएचसी में कई कर्मियों की अनियमितताओं को उजागर करने वाले थे, जिसे रोकने के लिए यह सब किया गया। उनके अनुसार, सीएचसी में कई तरह की गड़बड़ियां हैं, जिन पर वह जल्द ही अंकुश लगाने वाले हैं। पंकज कुमार ने बताया कि सीएचसी के आसपास दर्जनों अवैध क्लीनिक, पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे हैं, जिनकी वह जांच कराने जा रहे हैं। वहीं, सीएस ने भी पुष्टि की कि इन केंद्रों पर जल्द ही छापेमारी की जाएगी और इसके लिए कागजी प्रक्रिया चल रही है।