Edited By Utsav Singh,Updated: 09 Aug, 2024 04:02 PM
मध्य प्रदेश में पिछले 20 वर्षों से कांग्रेस पार्टी सत्ता से बाहर है, सिवाय 15 महीनों के जब कांग्रेस की सरकार थी। इसके बावजूद, पार्टी अपनी अजीबोगरीब गतिविधियों के चलते सुर्खियों में बनी रहती है। हाल ही में एक नया विवाद तब उत्पन्न हुआ जब प्रदेश...
नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर बोर्ड लगाने और हटाने को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए इस मुद्दे को उठाया, जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मामले में स्पष्टीकरण दिया है।हाल ही में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यालय के मुख्य द्वार पर एक बोर्ड लगाया गया था, जिसमें लिखा था, "पीसीसी कार्यालय का कार्य समय: सुबह 11:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक, रविवार अवकाश।" इस बोर्ड ने बीजेपी को कांग्रेस की कार्यशैली पर कटाक्ष करने का मौका दे दिया। बीजेपी ने इसे "पार्ट टाइम" कांग्रेस का प्रतीक बताया और कहा कि यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं को सत्ता की आदत अब भी नहीं छूटी है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि कांग्रेस की यह कार्य समय सीमा दिखाती है कि पार्टी का एक "कॉर्पोरेट कल्चर" बन गया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जीतू पटवारी के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के कई सदस्य छोड़ चुके हैं और अब कार्यकर्ताओं के लिए भी मिलने का समय सीमित कर दिया गया है। उन्होंने इसे "कॉर्पोरेट कल्चर" की ओर बढ़ने की एक मिसाल बताया।
कांग्रेस का स्पष्टीकरण
बीजेपी की आलोचनाओं के बाद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने स्थिति स्पष्ट की। पटवारी ने कहा कि बोर्ड पर लिखा समय केवल ऑफिस कर्मचारियों के लिए था, जबकि कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी कार्यालय हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे खुला रहेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कार्यकर्ता को कार्यालय में प्रवेश करने के लिए कोई समय सीमा नहीं है और कार्यालय पूरी तरह से खुला रहता है।पटवारी ने आगे कहा कि यह बोर्ड एक रूटीन व्यवस्था का हिस्सा था और इसे विवाद का मुद्दा बनाना अनुचित है। उन्होंने बीजेपी के इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने की निंदा की और कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा अपने कार्यकर्ताओं और जनता के लिए उपलब्ध रहती है।उन्होंने बीजेपी द्वारा इस मुद्दे को उठाने को अनुचित बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक रूटीन व्यवस्था थी। उनके अनुसार, इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश करना गलत है।