Edited By Yaspal,Updated: 23 May, 2020 06:10 PM
परंपरा के अनुसार दूल्हा ''बैंड बाजा बारात'' के साथ दुल्हन के घर जाकर विवाह करता है लेकिन कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के कारण जब 19 वर्षीय दुल्हन को लगा कि उसका ब्याह टल सकता है तो उसने परंपरा को तोड़ने का फैसला किया। घटना की पूरी जानकारी रखने...
कानपुरः परंपरा के अनुसार दूल्हा 'बैंड बाजा बारात' के साथ दुल्हन के घर जाकर विवाह करता है लेकिन कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के कारण जब 19 वर्षीय दुल्हन को लगा कि उसका ब्याह टल सकता है तो उसने परंपरा को तोड़ने का फैसला किया। घटना की पूरी जानकारी रखने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वधू इस हफ्ते की शुरूआत में वर से विवाह करने कानपुर से कन्नौज तक 80 किलोमीटर पैदल चली गई।
कानपुर देहात जिले में डेरा मंगलपुर ब्लाक के लक्ष्मण तिलक गांव की गोल्डी का विवाह कन्नौज जिले में तालग्राम के बैसापुर गांव के वीरेन्द्र कुमार राठौर उर्फ वीरू से तय हुआ था। उनका विवाह चार मई को होना था, जिसे स्थगित कर दिया गया। लॉकडाउन की अवधि बढने पर गोल्डी का धैर्य जवाब दे गया और इसी सप्ताह की शुरूआत में वह एक सुबह पैदल ही 80 किलोमीटर के सफर पर अपने होने वाले पति के घर की ओर चल दी। गोल्डी वहां शाम तक पहुंच गई। वधू के अचानक यूं आ जाने अचंभित हुए वर के माता पिता ने गोल्डी के पिता गोरेलाल को इस बात की सूचना दी जो अपनी लापता पुत्री की तलाश में इधर उधर भटक रहे थे।
वीरू के पिता ने होने वाली बहू को समझाने बुझाने का प्रयास किया कि वह धैर्य रखे और जब तक वह 'बैंड बाजा बारात' के साथ उसके घर पहुंचकर अपने बेटे का विवाह रीति रिवाज के अनुसार उससे नहीं कर देते, तब तक के लिए वह अपने घर लौट जाए। लेकिन गोल्डी और इंतजार करने के मूड में नहीं थी और उसने अपने होने वाले पति एवं उसके परिवार वालों को अपनी बात मनवा ही ली।
इसके बाद वीरू के माता पिता ने विवाह का इंतजाम किया। पंडित को बुलाया गया, वर वधू ने सात फेरे लिए और विवाह संपन्न हो गया। कन्नौज के पुलिस अधीक्षक अमरेन्द्र सिंह ने इस विवाह के बाबत पूछे जाने पर कहा, ''ये बात सही है। मुझे इसकी जानकारी है।''