सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर कम करने के लिए अभियान शुरु

Edited By Archna Sethi,Updated: 28 Nov, 2024 07:45 PM

campaign started to reduce death rate in road accidents

सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर कम करने के लिए अभियान शुरु


चंडीगढ़, 28 नवंबर: (अर्चना सेठी) राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की दर कम करने  की दिशा में अहम कदम उठाते हुए पंजाब के परिवहन मंत्री  लालजीत सिंह भुल्लर ने आज राज्य में सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की। उन्होंने यातायात उल्लंघनों के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाने पर ज़ोर दिया और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

पंजाब भवन में आयोजित पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद (पीएसआरएससी) की 15वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए लालजीत सिंह भुल्लर ने विभागीय कार्यों की निगरानी के लिए अनिवार्य मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि लक्ष्यों को पूरा करने में विफल विभागों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

कैबिनेट मंत्री ने विभिन्न विभागों की कार्यवाही रिपोर्ट पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यदि मासिक बैठक के दौरान किसी विभाग की कार्यवाही रिपोर्ट में कोई कमी पाई जाती है और विभाग निर्धारित लक्ष्यों को पूरा नहीं करता है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग को विशेष रूप से ट्रॉमा सेंटरों में स्टाफ की कमी को पूरा करने और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों की बचाव दर बढ़ाने के लिए व्यापक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, परिवहन विभाग ने पटियाला, रूपनगर, एसएएस नगर, एसबीएस नगर और श्री फतेहगढ़ साहिब जैसे पांच उच्च जोखिम वाले (रेड ज़ोन) ज़िलों में सीसीटीवी निगरानी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस परियोजना का विस्तार चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए चंडीगढ़ की तर्ज पर ऑनलाइन चालान प्रणाली पर भी विचार किया जाना चाहिए।

परिवहन मंत्री ने एक अहम निर्णय लेते हुए सड़क सुरक्षा बल (एसएसएफ) की स्थापना के लिए 55 करोड़ रुपए जारी करने की मंजूरी दी। इस बल को 144 हाइवे पेट्रोल वाहनों से लैस किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक आकलन से पता चला है कि एसएसएफ की शुरुआत के बाद से अब तक सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में 45.5 प्रतिशत की कमी आई है। इस बल की सहायता के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीद के लिए अतिरिक्त 7 करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए गए।

कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के सुझाव पर, राज्यभर में सुधारे गए सभी ब्लैक स्पॉट्स का थर्ड-पार्टी ऑडिट कराने के निर्णय पर भी बैठक में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से संबंधित मामलों को संभालने वाली स्वतंत्र एजेंसी, जैसे कि आईआईटी दिल्ली का ट्रांसपोर्टेशन रिसर्च एंड इंजरी प्रिवेंशन सेंटर (जो डब्ल्यूएचओ के तहत सड़क सुरक्षा के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस है) और भारत सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज के अंतर्गत सूचीबद्ध पीईसी, चंडीगढ़, सड़क सुरक्षा ऑडिटर को राज्यभर में पहचाने गए ब्लैक स्पॉट्स का थर्ड-पार्टी ऑडिट करने का कार्य सौंपा जाएगा ताकि इन ब्लैक स्पॉट्स के सुधार के परिणामों और प्रभावों का पता लगाया जा सके।

उन्होंने कहा कि सुधार किए गए ब्लैक स्पॉट्स का थर्ड-पार्टी ऑडिट और परिणामों की पहचान के तरीकों और प्रक्रिया के मूल्यांकन की भी आवश्यकता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने से अपेक्षित परिणाम मिले हैं या नहीं।

बैठक के दौरान आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मद्रास और सीआरआरआई पुणे जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं से सड़क सुरक्षा ऑडिट में सड़कों की देखभाल करने वाले विभागों (एसडीओ और उससे ऊपर) के अधिकारियों का प्रशिक्षण; आगामी महीने में पंजाब में ‘सेफर रोड्स फॉर एवरीवन’ (सेफ) योजना पर राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार आयोजित करने; ई-डीएआर के तहत पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्रों की मैपिंग और वित्त विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा पर लीड एजेंसी पंजाब में पदों का पुनर्गठन करने जैसे प्रमुख नीतिगत निर्णय लिए गए।

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