Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Nov, 2025 03:06 PM

कनाडा ने 2026 से 2028 के बीच लागू होने वाले अपने नए इमिग्रेशन लेवल्स प्लान का ऐलान कर दिया है — और इस बार नियम पहले से कहीं ज़्यादा सख्त हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि आने वाले तीन सालों तक स्थायी निवासियों (Permanent Residents) की संख्या को सीमित...
नेशनल डेस्क: कनाडा ने 2026 से 2028 के बीच लागू होने वाले अपने नए इमिग्रेशन लेवल्स प्लान का ऐलान कर दिया है — और इस बार नियम पहले से कहीं ज़्यादा सख्त हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि आने वाले तीन सालों तक स्थायी निवासियों (Permanent Residents) की संख्या को सीमित रखा जाएगा, जबकि विदेशी छात्रों और अस्थायी वीज़ा धारकों के लिए दरवाज़े धीरे-धीरे बंद किए जा रहे हैं।
विदेशी छात्रों पर सबसे कड़ा वार
नए प्लान के तहत अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीज़ा को लगभग आधा कर दिया गया है।
2026 में सिर्फ 1.55 लाख और
2027-2028 में केवल 1.50 लाख छात्रों को ही कनाडा में पढ़ाई की अनुमति मिलेगी।
यह संख्या 2023 की तुलना में करीब 50% की कमी दर्शाती है।
याद रहे, 2023 के अंत तक कनाडा में विदेशी छात्रों की संख्या 10 लाख के पार पहुंच चुकी थी, जिसके बाद सरकार ने जनवरी 2024 में स्टडी परमिट पर ‘कैप’ लगा दी थी। शिक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, यह फैसला कनाडा के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ के लिए बड़ा झटका साबित होगा। अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या घटने से न सिर्फ इन संस्थानों की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि कैंपस डायवर्सिटी भी बुरी तरह प्रभावित होगी।
भारतीय छात्रों के लिए बढ़ी मुश्किलें
भारत, कनाडा को सबसे अधिक छात्र भेजने वाला देश है। ऐसे में नए नियमों का सबसे बड़ा असर भारतीय छात्रों पर पड़ने वाला है। पहले से ही करीब 50% भारतीय वीज़ा आवेदन खारिज किए जा रहे थे, और अब यह दर 80% तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2025 में भारतीय छात्रों के 74% वीज़ा आवेदन रिजेक्ट हुए, जो पिछले साल की तुलना में लगभग दोगुने हैं। कनाडाई सरकार का दावा है कि उन्हें फर्जी एडमिशन लेटर और धोखाधड़ी वाले दस्तावेजों के कई मामले मिले हैं, खासतौर पर भारत और बांग्लादेश से। अब, नए नियमों के तहत कॉलेजों की सत्यापन प्रक्रिया और वित्तीय दस्तावेजों की जांच पहले से कहीं कड़ी होगी।
अस्थायी कामगारों के लिए भी नए प्रतिबंध
सिर्फ छात्रों ही नहीं, बल्कि अस्थायी विदेशी कामगारों (Temporary Foreign Workers) के लिए भी दरवाज़े सिमट रहे हैं। 2026 में केवल 2.30 लाख कामगारों को एंट्री दी जाएगी, जबकि अगले दो वर्षों (2027-2028) में यह संख्या घटकर 2.20 लाख रह जाएगी। हालांकि, सरकार ने थोड़ी राहत देते हुए यह घोषणा की है कि 33,000 विदेशी कामगारों को स्थायी निवास (PR) का मौका दिया जाएगा — विशेषकर हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और फ्रेंच-भाषी सेक्टर्स में।
सरकार का तर्क — जनसंख्या पर नियंत्रण और संतुलन
कनाडाई सरकार का कहना है कि वह अस्थायी निवासियों की हिस्सेदारी कुल जनसंख्या के 5% से कम रखना चाहती है। सरकार का तर्क है कि इस कदम से हाउसिंग, हेल्थकेयर और इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव कम होगा।