81 साल के बुजुर्ग के आगे कैंसर ने भी मान ली हार, लास्ट स्टेज पर दी मौत को मात

Edited By vasudha,Updated: 03 Dec, 2020 05:00 PM

cancer also accepted defeat in front of 81 years old

महाराष्ट्र के पुणे में 81 वर्षीय बुजुर्ग नंदन कालबाग ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से न केवल कैंसर के चौथे चरण को मात दी बल्कि ठीक होने के बाद धन्यवाद के रूप में यहां स्थित रूबी अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट को अपने हाथ से बना बांस निर्मित छोटा सा घर उपहार के...

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के पुणे में 81 वर्षीय बुजुर्ग नंदन कालबाग ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से न केवल कैंसर के चौथे चरण को मात दी बल्कि ठीक होने के बाद धन्यवाद के रूप में यहां स्थित रूबी अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट को अपने हाथ से बना बांस निर्मित छोटा सा घर उपहार के तौर पर दिया। उनके डॉक्टर ने बताया कि उन्हें आंत का कैंसर था और इस आयु में उनका पूरी तरह ठीक होना असाधारण है और निरंतर प्रयासों ने उन्हें खतरनाक बीमारी के खिलाफ उनकी लड़ाई में विजयी बनाया।

 

लिवर में भी फैल गया था कैंसर 
 नंदन कैंसर से ग्रसित होने के बावजूद अपनी रुचियों पर भी ध्यान दे रहे थे और वह बाँस और बेंत से अलग हस्तशिल्प बनाते रहें। उनका तीन साल से उपचार चल रहा था और इस दौरान उन्होंने हर दिन बाँस और बेंत से एक मॉडल भी बनाया। रूबी हॉल क्लिनिक के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ मिनिश जैन ने कहा कि वह आंत के कैंसर के चौथे स्टेज से पीड़ित थे। उनका कैंसर लिवर में भी फैल गया था। 

 

 सक्रिय जीवन जी रहे बुजुर्ग 
जैन ने बताया कि कई विशेषज्ञ इस उम्र में उनका इलाज करने को लेकर आश्वस्त नहीं थे। जब वह मेरे पास आए तो मैंने उनसे पूछा कि क्या वह सभी कीमोथेरपी और अन्य दवाओं को लेने के लिए तैयार है क्योंकि निरंतर उपचार बहुत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने उपचार कराने की पूरी इच्छा दिखायी और उन्होंने कीमोथेरेपी सत्रों में भाग लिया। हमने उन्हें फॉल्फोक्स 6 की कीमोथेरेपी भी दी। इस उम्र में वह अब न केवल रोग-मुक्त हैं बल्कि अपने शौक भी पूरे कर रहे हैं और सक्रिय जीवन जी रहे हैं।' 
 

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