Edited By Yaspal,Updated: 30 May, 2023 07:30 PM

शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की आपत्तियों के बाद एनसीईआरटी ने 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से एक अलग सिख राष्ट्र खालिस्तान की मांग के संदर्भ को हटा दिया है
नेशनल डेस्कः शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की आपत्तियों के बाद एनसीईआरटी ने 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से एक अलग सिख राष्ट्र खालिस्तान की मांग के संदर्भ को हटा दिया है। एसजीपीसी ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने अपनी बारहवीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में सिखों के बारे में ऐतिहासिक जानकारी गलत तरह से प्रस्तुत की है।
एसजीपीसी की आपत्ति पुस्तक ‘पॉलिटिक्स इन इंडिया सिंस इंडिपेंडेंस' में आनंदपुर साहिब प्रस्ताव के उल्लेख से संबंधित है। जिन वाक्यों को हटाया गया है, उनमें से एक में लिखा है ‘‘प्रस्ताव, संघवाद को मजबूत करने के लिए एक दलील थी, लेकिन इसकी व्याख्या एक अलग सिख राष्ट्र के लिए याचिका के रूप में भी की जा सकती है''। इस वाक्य को भी हटाया गया कि ‘‘अधिक चरमपंथी तत्वों ने भारत से अलगाव और 'खालिस्तान' के निर्माण की वकालत शुरू कर दी।''
बयानों को पुन: इस तरह लिखा गया है कि ‘‘प्रस्ताव, संघवाद को मजबूत करने की दलील थी।'' शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘‘श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को गलत तरीके से पेश करके सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री को वापस लेने के संबंध में एसजीपीसी से ज्ञापन प्राप्त हुआ था। इस मुद्दे की जांच के लिए एनसीईआरटी द्वारा विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई थी और उसकी सिफारिशों के आधार पर निर्णय लिया गया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘एनसीईआरटी ने शुद्धि पत्र जारी किया है। नए शैक्षणिक सत्र के लिए भौतिक रूप से पुस्तकें मुद्रित की जा चुकी हैं, वहीं डिजिटल पुस्तकों में बदलाव दिखेगा।''