Edited By Rohini Oberoi,Updated: 03 Aug, 2025 05:03 PM

छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार की गई दो कैथोलिक ननों को बिलासपुर की एनआईए कोर्ट ने जमानत दे दी है। इस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। ननों के साथ आगरा जा रही तीनों युवतियों ने बजरंग दल के...
नेशनल डेस्क। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार की गई दो कैथोलिक ननों को बिलासपुर की एनआईए कोर्ट ने जमानत दे दी है। इस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। ननों के साथ आगरा जा रही तीनों युवतियों ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए नारायणपुर एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है।
'जातिगत गालियां दीं, प्राइवेट पार्ट को टच किया'
तीनों युवतियों जोकि नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ की रहने वाली हैं ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि दुर्ग रेलवे स्टेशन पर 100 से 200 लड़कों ने उन्हें घेर लिया था। उन्होंने आरोप लगाया, "हमें जातिगत गालियां दी गईं हमारे प्राइवेट पार्ट को टच किया गया और गैंगरेप की धमकी भी दी गई।"

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया गया और ननों के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बनाया गया। एक पीड़िता ने बताया कि उन्हें पीटा गया और यह भी कहा गया कि "तुम लोग हमारे पैरों की जूती के बराबर हो।"
ननों को बताया निर्दोष, पुलिस पर भी आरोप
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युवतियों ने ननों की रिहाई पर खुशी जताई और कहा कि वे दोनों निर्दोष हैं। उनका कहना है कि वे अपने परिवार की सहमति से ही ननों के साथ आगरा जा रही थीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे सादे कागज पर दस्तखत करवाए और उन्हें 4 दिनों तक एक कमरे में बंद रखा जहां उन्हें किसी से मिलने या बात करने नहीं दिया गया।
फिलहाल पुलिस ने इस मामले में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है लेकिन युवतियों की शिकायत के बाद मामले की जांच एक नई दिशा में मुड़ गई है।