Edited By Yaspal,Updated: 04 Apr, 2022 10:15 PM

दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक 2022 लोकसभा में सोमवार को ध्वनिमत से पारित हो गया। गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा के जवाब में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवाद निरोधी कानून (पोटा) देश हित का कानून था लेकिन वोटबैंक और...
नई दिल्लीः दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक 2022 लोकसभा में सोमवार को ध्वनिमत से पारित हो गया। गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा के जवाब में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवाद निरोधी कानून (पोटा) देश हित का कानून था लेकिन वोटबैंक और तुष्टीकरण की राजनीति के चलते इसे तत्कालीन सरकार ने वापस ले लिया।
शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) वोट बैंक की चिंता नहीं करती, बल्कि हम राजनीति में देश को सुरक्षित करने और देश को आगे ले जाने के लिए आये हैं। उन्होंने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तब कांग्रेस नेतृत्व की सरकार गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम ( यूएपीए) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी लेकर आयी। भाजपा ने विपक्ष में रहने के बावजूद देश की सुरक्षा के मद्देनजर इसका समर्थन किया।
शाह ने सदन को आश्वस्त किया कि दंड प्रक्रिया (शिनाख्त ) विधेयक में डाटा का दुरुपयोग नहीं होगा, न ही इस विधेयक के प्रावधान में किसी दुरुपयोग की आशंका है। इससे निजता के अधिकार का उल्लंघन होने की कोई आशंका नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी अपराध के दोष सिद्धि में प्रमाण के लिहाज़ से यह ज़रूरी है। इससे गुनाहगारों को पकड़ने में मदद मिलेगी और उन्हें सजा दिलाकर समाज में कठोर संदेश जाएगा। इससे आपराधिक न्याय व्यवस्था मजबूत होगी और तकनीक की मदद से देश की आंतरिक सुरक्षा और मजबूत होगी।
शाह ने कहा कि बंदी शिनाख्त अधिनियम 1920 को निरस्त कर बदला गया यह विधेयक समय और विज्ञान की द्दष्टि से आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अदालतों में दोष सिद्धि के लिए जिस तरह के नतीजे चाहिए, उन्हें उपलब्ध कराने और कानून को लागू करने वाली एजेंसियों की ताकत बढ़ाने में यह विधेयक आज के समय की ज़रूरत है। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जेल के कैदियों के लिए एक आदर्श नियमावली से संबंधित विधेयक तैयार कर रही है, जिसका प्रारूप राज्य सरकारों को भेजा जाएगा।