निर्भया को इंसाफ में देरी, सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा के लिए तय की गाइडलाइन

Edited By Yaspal,Updated: 14 Feb, 2020 08:54 PM

delay in justice for nirbhaya sc sets guidelines for capital punishment

निर्भया गैंगरेप केस में फांसी हो रही देरी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा के मामलों के लिए गाइडलाइन तय की है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन इस प्रकार  से हैं। अगर कोई हाईकोर्ट किसी को मौत की सजा देने की पुष्टि करता है

नेशनल डेस्कः निर्भया गैंगरेप केस में फांसी हो रही देरी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा के मामलों के लिए गाइडलाइन तय की है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन इस प्रकार  से हैं। अगर कोई हाईकोर्ट किसी को मौत की सजा देने की पुष्टि करता है और सुप्रीम कोर्ट इसकी अपील पर सुनवाई करता की सहमति जताता है तो 6 महीने के भीतर मामले को तीन जजों की पीठ में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। फिर भले ही अपील हो या नहीं।
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गाइडलाइन में कहा गया है कि मामले के सूचीबद्ध होने के बाद सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री इस संबंध में मौत की सजा सुनाने वाली अदालत को इसकी सूचना देगी। इसके 60 दिनों के भीतर केस संबंधी सारा रिकॉर्ड सुप्रीम कोर्ट भेजा जाएगा या जो समय अदालत तय करे उसका पालन होगा। अगर इस संबंध में कोई अतिरिक्त दस्तावेज या स्थानीय भाषा के दस्तावजों का ट्रांसलेशन देना है तो वो भी दिया जाएगा।
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गाइडलाइन के मुताबिक, रजिस्ट्री पक्षकारों को अतिरिक्त दस्तावेज के लिए 30 दिन का और समय दे सकती है। अगर निश्चित समय में ये प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो मामले को रजिस्ट्रार के पास नहीं बल्कि जज के चेंबर में सूचीबद्ध किया जाएगा और जज चेंबर में ही विचार कर आदेश जारी करेंगे।
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इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म मामले में डेथ वारंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। अदालत ने माना कि दोषी अपने कानूनी उपायों को उपयोग करने के हकदार हैं और उनके मौलिक अधिकारों की अनदेखी नहीं की सकती। इससे अलावा अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में अधिवक्ता रवि काजी को दोषियों में से एक पवन गुप्ता की ओर से प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया।
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चारों दोषियों में से सिर्फ पवन के पास ही सुधारात्मक और दया याचिका का विकल्प है। बता दें, राष्ट्रीय राजधानी के वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में बहुत ही बर्बर तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस जघन्य घटना के बाद पीड़िता को इलाज के लिए सरकार सिंगापुर ले गई जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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