विश्व में बढ़ा भारत का रुतबा, प्रमुख ट्रांजिट हब बन दिल्ली एयरपोर्ट ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

Edited By Updated: 03 Nov, 2025 07:13 PM

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दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अब भारत और एशिया का प्रमुख एयर ट्रांजिट हब बन गया है। सितंबर 2024 से अगस्त 2025 तक 6.7 लाख यात्रियों ने दिल्ली से ट्रांजिट किया, जिसमें एयर इंडिया और इंडिगो का योगदान सबसे ज्यादा रहा। थाईलैंड, जापान और...

नेशनल डेस्क : भारत का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI Airport) अब सिर्फ भारत का ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे व्यस्त एयर ट्रांजिट पॉइंट्स में से एक बन गया है। बिजनेस स्टैंडर्ड्स की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने बताया कि सितंबर 2024 से अगस्त 2025 के बीच पूर्वी एशिया और पश्चिमी देशों के बीच यात्रा करने वाले 6.7 लाख यात्रियों ने दिल्ली से ट्रांजिट किया। यह पिछले साल की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है, जो भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

एयर इंडिया और इंडिगो का मुख्य योगदान
इस उपलब्धि में सबसे बड़ा योगदान भारतीय एयरलाइनों एयर इंडिया और इंडिगो का रहा। रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व-पश्चिम ट्रांजिट यातायात में एयर इंडिया का हिस्सा 67 प्रतिशत और इंडिगो का 25 प्रतिशत रहा। कुल ट्रांजिट यात्रियों में से 90 प्रतिशत से अधिक यात्रियों ने इन दोनों एयरलाइनों के जरिए दिल्ली होकर यात्रा की।

थाईलैंड के साथ बढ़ते हवाई संबंध
दिल्ली ने थाईलैंड के लिए भारत का प्रमुख प्रवेश द्वार बनकर अपनी स्थिति मजबूत की है। वर्तमान में दिल्ली से बैंकॉक, फुकेट, कराबी और डॉन मुआंग के लिए 120 साप्ताहिक उड़ानें संचालित हो रही हैं, जो थाईलैंड के लिए भारत की कुल उड़ानों का लगभग 26 प्रतिशत है। कराबी के लिए नई उड़ान 26 अक्टूबर से शुरू की गई, जिससे पर्यटन और व्यापार में सुविधा बढ़ी है।

दक्षिण-पूर्व एशिया में विस्तार
दिल्ली हवाई अड्डे का नेटवर्क केवल थाईलैंड तक सीमित नहीं है। एयर इंडिया जल्द ही कुआलालंपुर और बाली के लिए अपनी साप्ताहिक उड़ानों को सात से 10 तक बढ़ाने जा रही है। वहीं, इंडिगो 20 दिसंबर से हनोई और 10 नवंबर से ग्वांगझू (चीन) के लिए दैनिक उड़ानें शुरू करेगी। यह COVID-19 के बाद भारत और चीन के बीच पहली नियमित यात्री उड़ान होगी।

जापान और यूरोप से मजबूत कनेक्टिविटी
पूर्व की ओर देखें तो दिल्ली एयरपोर्ट भारत-जापान कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। टोक्यो के हानेडा और नारिता हवाई अड्डों के लिए 28 साप्ताहिक उड़ानें संचालित हो रही हैं, जो भारत-जापान की कुल उड़ानों का 70 प्रतिशत है। इसके अलावा, जापान एयरलाइंस ने 18 जनवरी 2026 से नई दिल्ली-टोक्यो नारिता के बीच दैनिक सेवा शुरू करने की घोषणा की है।

यूरोप और ब्रिटेन के साथ भी दिल्ली का संबंध मजबूत हो रहा है। DIAL के मुताबिक, भारत-यूके के बीच होने वाली उड़ानों में से 38 प्रतिशत दिल्ली से संचालित होती हैं। एयर इंडिया जल्द ही लंदन हीथ्रो के लिए अपनी चौथी दैनिक उड़ान शुरू करेगी, जबकि इंडिगो 15 नवंबर से दिल्ली-मैनचेस्टर के बीच पहली लंबी दूरी की उड़ान संचालित करेगी, जिसमें बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर विमान का इस्तेमाल होगा।

भविष्य की योजना: क्षमता में वृद्धि
DIAL के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट अब भारत को विश्व से जोड़ने वाला मुख्य ‘पूर्व-पश्चिम प्रवेश द्वार’ बन गया है। उन्होंने कहा कि चाहे लंदन की बिजनेस यात्रा हो या बैंकॉक की छुट्टियां, दिल्ली हर दिशा का केंद्र बन चुकी है।

जयपुरियार ने आगे बताया कि DIAL की योजना 2029-30 तक एयरपोर्ट की वार्षिक यात्री क्षमता को 10.5 करोड़ से बढ़ाकर 12.5 करोड़ करने की है, वह भी मौजूदा टर्मिनल 2 को बदले बिना। यह कदम दिल्ली एयरपोर्ट को न केवल भारत, बल्कि पूरे एशिया का प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हब बना देगा।

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