क्या बदल जाएगा चांदनी चौक का नाम? BJP नेता ने दिल्ली की CM रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर की मांग

Edited By Updated: 06 Nov, 2025 01:13 PM

discussion on renaming chandni chowk intensifies bjp leader writes letter to cm

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पंजाब इकाई के नेता प्रितपाल सिंह बलियावाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव करने का आग्रह किया है। यह अपील गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत बरसी के पवित्र अवसर पर की गई है जिसमें...

नेशनल डेस्क। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पंजाब इकाई के नेता प्रितपाल सिंह बलियावाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर एक बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव करने का आग्रह किया है। यह अपील गुरु तेग बहादुर की 350वीं शहादत बरसी के पवित्र अवसर पर की गई है जिसमें मांग की गई है कि दिल्ली के ऐतिहासिक चांदनी चौक क्षेत्र का नाम बदलकर शीशगंज कर दिया जाए।

मेट्रो स्टेशनों का नाम बदलने की भी मांग

बलियावाल ने अपने पत्र में केवल चांदनी चौक का नाम बदलने तक ही अपनी बात सीमित नहीं रखी है।
उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि निकटतम मेट्रो स्टेशनों का नाम गुरु तेग बहादुर के उन साथियों को समर्पित किया जाए जिन्होंने उनके साथ शहादत दी थी। ये साथी थे भाई मति दास, भाई सती दास और भाई दयाल जिन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था।

'हिंद की चादर' को श्रद्धांजलि

बीजेपी नेता ने अपने पत्र में गुरु तेग बहादुर के अद्वितीय बलिदान को याद किया है। बलियावाल ने लिखा कि वह गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती के इस पवित्र अवसर पर 'हिंद की चादर' गुरु तेग बहादुर के बलिदान को एक सिख और एक भारतीय दोनों के रूप में गहरी श्रद्धा के साथ याद करते हैं। गुरु तेग बहादुर ने धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार और मानवता की अंतरात्मा की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था।

 

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मुगल अत्याचार और सर्वोच्च बलिदान

बलियावाल ने पत्र में 1675 के मुगल शासन के दौरान हुए धार्मिक उत्पीड़न की भयावहता का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि औरंगजेब के शासन में धार्मिक उत्पीड़न अपने चरम पर था जहां मंदिरों को नष्ट किया गया धर्मग्रंथों को जलाया गया और निर्दोष लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया।

कश्मीरी पंडितों की गुहार 

इसी दौरान पंडित कृपा राम के नेतृत्व में 500 से अधिक कश्मीरी पंडितों ने अपने धर्म की रक्षा के लिए श्री आनंदपुर साहिब में गुरु तेग बहादुर से मुलाकात की। उनकी पीड़ा सुनकर गुरु साहिब ने सर्वोच्च बलिदान देने का निर्णय लिया।

 

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शहादत स्थल 

बलियावाल ने याद दिलाया कि गुरु तेग बहादुर का सिर उसी स्थान पर काटा गया था जहां आज गुरुद्वारा शीशगंज साहिब स्थित है। यह स्थान साहस, बलिदान और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा का प्रतीक है।

यह सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं

बीजेपी नेता ने अपने पत्र में ज़ोर दिया कि चांदनी चौक का नाम बदलकर शीशगंज करना और आसपास के मेट्रो स्टेशन को इन महान शहीदों को समर्पित करना केवल एक प्रशासनिक निर्णय से कहीं बढ़कर होगा। यह देश के इतिहास और धार्मिक सहिष्णुता के मूल्यों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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