Edited By Mansa Devi,Updated: 20 Nov, 2025 06:05 PM

तमिलनाडु में डॉग बाइट की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अब तक 5.25 लाख लोग कुत्तों के काटने से प्रभावित हुए हैं और 28 लोगों की मौत रेबीज संक्रमण के कारण हुई है। विशेष रूप से छोटे बच्चे इस खतरे...
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु में डॉग बाइट की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अब तक 5.25 लाख लोग कुत्तों के काटने से प्रभावित हुए हैं और 28 लोगों की मौत रेबीज संक्रमण के कारण हुई है। विशेष रूप से छोटे बच्चे इस खतरे के सबसे अधिक शिकार बन रहे हैं। गली-मोहल्लों में घूमते बच्चों पर आवारा और पालतू दोनों प्रकार के कुत्तों के हमले आम हो गए हैं। इससे स्थानीय लोग बाहर जाने में डर महसूस कर रहे हैं।
सरकार और नगर निगम के कदम:
चेन्नई नगर निगम ने एक लाख से अधिक आवारा कुत्तों का मुफ्त टीकाकरण कर दिया है। घर में पालतू कुत्ते रखने वालों के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत कुत्तों का उचित टीकाकरण और माइक्रोचिपिंग करना जरूरी है।
24 नवंबर 2025 तक लाइसेंस न लेने पर ₹5,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
नगर निगम हर रविवार को विशेष शिविर आयोजित करता है, जिसमें मुफ्त टीकाकरण, माइक्रोचिपिंग और लाइसेंस जारी किया जाता है। पालतू कुत्तों के लिए ऑनलाइन लाइसेंस की सुविधा भी उपलब्ध है।
पिछले वर्षों का डेटा:
- 2021: 3.19 लाख लोग प्रभावित, 19 मौतें
- 2022: 3.64 लाख लोग प्रभावित, 28 मौतें
- 2023: 4.41 लाख लोग प्रभावित, 18 मौतें
- 2024: 4.8 लाख लोग प्रभावित, 48 मौतें
- 2025 (अब तक): 5.25 लाख लोग प्रभावित, 28 मौतें