Gold Rate: सोने की रिकॉर्ड तोड़ तेजी पर एक्सपर्ट ने दी बड़ी चेतावनी, निवेशकों को दी ये खास सलाह

Edited By Updated: 21 Oct, 2025 10:50 AM

experts warn on gold s record rise advise caution on investment

इस साल फेस्टिव सीजन में  सोने- चांदी की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। कीमतों में इस तेजी मे निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। MCX पर सोना कुछ समय पहले ₹1,32,000 प्रति 10 ग्राम का स्तर पार कर गया था, जबकि चांदी भी रिकॉर्ड स्तर पर...

नेशनल डेस्क : इस साल फेस्टिव सीजन में  सोने- चांदी की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। कीमतों में इस तेजी मे निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। MCX पर सोना कुछ समय पहले ₹1,32,000 प्रति 10 ग्राम का स्तर पार कर गया था, जबकि चांदी भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। रिकॉर्ड में तेजी के बाद दिवाली के आस-पास दोनों धातुओं के भाव में कुछ गिरावट भी देखने को मिली। इस अप्रत्याशित तेजी को लेकर निवेशकों को एक बड़ी चेतावनी दी है और साथ ही निवेश के लिए महत्वपूर्ण सलाह भी दी है।

कीमतें बढ़ी हैं, तो नीचे भी आएंगी

एक्सपर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर किसी कमोडिटी की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, तो उनमें गिरावट भी निश्चित रूप से आएगी। उन्होंने कहा कि गोल्ड-सिल्वर जैसी कमोडिटीज की कीमतों में हमेशा उतार-चढ़ाव होता रहता है। जब कीमतें इतनी तेज उछाल लेती हैं, तो गिरावट भी उसी तेज़ी से आती है।

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सोने का कोई 'बुनियादी आधार' नहीं

एक्सपर्ट के मुताबिक सोने का कोई बुनियादी या मौलिक आधार नहीं है। उन्होंने बताया कि मौजूदा उछाल मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की लगातार खरीदारी के कारण आया है। उन्होंने जोर दिया कि सेंट्रल बैंकों की यह खरीदारी एक ऐसा कारक है जो अब सोने के बाजार में पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने निवेशकों को ऐसी तेजी के बीच सोने (Yellow Metal) में अत्यधिक निवेश से बचने की सलाह दी है।

पोर्टफोलियो में रखें सीमित हिस्सा

सोने के निवेशकों को सलाह दी कि इस जोरदार उछाल के बावजूद सोना और चांदी आपके पोर्टफोलियो का एक सीमित हिस्सा ही होना चाहिए। उन्होंने बताया कि सोने या चांदी का कोई Intrinsic Value क्या है, यह किसी को नहीं पता। "इसमें कोई Dividend नहीं है, कोई बोनस नहीं है, कोई Cash Flow नहीं है," उन्होंने कहा। इन कीमती धातुओं के मूल्यांकन के लिए कोई मौलिक आधार नहीं है।

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निवेशकों को इन दो बातों पर देना होगा ध्यान

एक्सपर्ट ने सोने के खरीदारों को दो प्रमुख बातों पर ध्यान देने को कहा है:

1.      केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: जब तक वैश्विक केंद्रीय बैंक भारतीय गृहिणियों की तरह व्यवहार करते रहेंगे और सोना खरीदते रहेंगे, बेचेंगे नहीं, तब तक आप निश्चिंत रह सकते हैं कि सोने की कीमतें बढ़ती रहेंगी।

2.      क्या हर दिन बढ़ेंगी कीमतें? इसका जवाब है, "बिल्कुल नहीं"। कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव नार्मल है।

सेंट्रल बैंकों की रणनीति का असर

पश्चिमी दुनिया (जैसे अमेरिका, जर्मनी) के सेंट्रल बैंकों के विदेशी मुद्रा भंडार का 60% से 70% हिस्सा सोने में है, जबकि पूर्वी दुनिया (जापान, भारत, चीन) का आवंटन लगभग 10% है। अब पूर्वी दुनिया के सेंट्रल बैंकों को सोने में अपना आवंटन बढ़ाना है और कुछ ने तो चांदी में भी आवंटन दोगुना करना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ सालों में केंद्रीय बैंकों की यही खरीदारी सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव लाने का मुख्य कारण बनी है।

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