कहर बन बरसी कुदरत! भूस्खलन के बाद हर तरफ मचीं चीखें, देखते ही देखते ही गुम होग गए साथी, चश्मदीदों ने सुनाई खौफनाक आपबीती

Edited By Updated: 27 Aug, 2025 03:46 PM

eyewitnesses of the accident at vaishno devi narrated their horrifying ordeal

जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। राज्य के कई जिलों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। राज्य के कई जिलों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हज़ारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हैं।

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माता वैष्णो देवी में भूस्खलन से बड़ा हादसा

26 अगस्त को माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास हुए भूस्खलन से भारी तबाही हुई। इस हादसे में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 21 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। हादसे के बाद यात्रा मार्ग पर अफरा-तफरी मच गई। पटना से आए एक श्रद्धालु ने बताया कि वे भूस्खलन से 50 मीटर दूर थे, जिससे उनकी जान बच गई, लेकिन उनके दो साथी अब भी लापता हैं। दिल्ली की एक श्रद्धालु नैना ने बताया कि लगातार बारिश के कारण यात्रा रोक दी गई है, जिसे उन्होंने प्रशासन का सही फैसला बताया।

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The loss of lives due to a landslide on the route to the Shri Mata Vaishno Devi Temple is saddening. My thoughts are with the bereaved families. May the injured recover at the earliest. The administration is assisting all those affected. My prayers for everyone's safety and…

— Narendra Modi (@narendramodi) August 27, 2025

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पीएम मोदी ने जताया शोक-  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर हुए भूस्खलन के कारण हुई जनहानि दुखद है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन प्रभावित लोगों की मदद कर रहा है और वे सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि तवी नदी का जलस्तर तो घटा है, लेकिन चिनाब नदी अभी भी खतरे के निशान के करीब बह रही है। सरकार की पहली प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी और मोबाइल सेवाओं को बहाल करना है।

सेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत-बचाव में जुटीं

गृह मंत्रालय के निर्देश पर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और वायुसेना की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। एनडीआरएफ की कुल 17 टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात हैं, जिनमें से 9 जम्मू में, 3 किश्तवाड़ में, 3 सांबा में और एक-एक टीम श्रीनगर, उधमपुर और रियासी में तैनात है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और प्रशासन का सहयोग करें।

 

 

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