Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Sep, 2025 03:37 PM

श के करोड़ों किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। केंद्र सरकार ने जीएसटी (GST) ढांचे में बड़ा सुधार करते हुए कृषि से जुड़ी मशीनों और उपकरणों पर लगने वाला टैक्स घटा दिया है। अब 18% की जगह ये उपकरण केवल 5% टैक्स स्लैब में आएंगे। यह बदलाव 22 सितंबर...
नेशनल डेस्क: देश के करोड़ों किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। केंद्र सरकार ने जीएसटी (GST) ढांचे में बड़ा सुधार करते हुए कृषि से जुड़ी मशीनों और उपकरणों पर लगने वाला टैक्स घटा दिया है। अब 18% की जगह ये उपकरण केवल 5% टैक्स स्लैब में आएंगे। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होगा। इतना ही नहीं, जीएसटी काउंसिल ने पुराने टैक्स सिस्टम में मौजूद 12% और 28% के स्लैब को भी खत्म कर दिया है। अब देश में सिर्फ दो टैक्स स्लैब रहेंगे – 5% और 18%। वहीं, लग्जरी और सिगरेट जैसे सिन उत्पादों के लिए एक नया 40% का विशेष टैक्स स्लैब तैयार किया गया है।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कितना होगा फायदा
इस फैसले की जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। उन्होंने बताया कि टैक्स घटने से किसानों को सीधे-सीधे हजारों रुपये की बचत होगी। चाहे ट्रैक्टर हो या हार्वेस्टर, हर प्रमुख उपकरण अब सस्ता हो जाएगा। चौहान ने यह भी कहा कि किसानों पर आर्थिक बोझ कम करने के लिए यह एक बड़ा कदम है।
आइए जानें, कौन-से कृषि यंत्र पर कितनी होगी बचत (अनुमानित):
उपकरण का नाम बचत राशि (लगभग)
35 HP ट्रैक्टर ₹41,000
45 HP ट्रैक्टर ₹45,000
50 HP ट्रैक्टर ₹53,000
75 HP ट्रैक्टर ₹63,000
पावर टिलर (13 HP) ₹11,875
धान रोपण यंत्र (4 पंक्ति – वॉक बिहाइंड) ₹15,400
बहुफसली थ्रेशर (4 टन) ₹14,000
पावर वीडर (7.5 HP) ₹5,495
सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल (11 टाइन) ₹10,500
सीड कम फर्टिलाइज़र ड्रिल (13 टाइन) ₹3,220
कंबाइन हार्वेस्टर ₹1,87,500
स्ट्रॉ रीपर (5 फीट) ₹21,875
सुपर सीडर (8 फीट) ₹16,875
हैप्पी सीडर (10 टाइन) ₹10,600
रोटावेटर (6 फीट) ₹7,812
स्क्वायर बेलर (6 फीट) ₹93,750
मल्चर (8 फीट) ₹11,562
ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर (400 लीटर) ₹9,375
नोट:- ये आंकड़े उपकरणों की औसत कीमत पर आधारित हैं, अलग-अलग कंपनियों के अनुसार कीमतों में अंतर हो सकता है।
GST में बदलाव का क्या होगा बड़ा असर?
-किसानों पर टैक्स का बोझ घटेगा।
-कृषि मशीनीकरण को मिलेगा बढ़ावा।
-छोटे और मझोले किसान भी आधुनिक यंत्र खरीदने में सक्षम होंगे।
-अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी।
सरकार के इस फैसले को विशेषज्ञ ऐतिहासिक बता रहे हैं, क्योंकि अब तक कृषि यंत्रों पर टैक्स की दरें किसान की जेब पर भारी पड़ती थीं। लेकिन अब, जीएसटी स्लैब में बदलाव से यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में गंभीर है।