Stock Market: इस हफ्ते शेयर बाजार में बड़ा धमाका? आ सकता है भूचाल...निवेशकों को सतर्क रहने का अलर्ट

Edited By Updated: 04 Aug, 2025 07:19 AM

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भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते कई बड़ी घटनाओं के प्रभाव में रहने वाला है, जिससे निवेशकों को सतर्क और तैयार रहना होगा। देश और दुनिया से आने वाले आर्थिक संकेत, कंपनियों की तिमाही रिपोर्ट और केंद्रीय बैंक की नीतियों से जुड़ी अहम घोषणाएं बाजार की दिशा तय...

नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते कई बड़ी घटनाओं के प्रभाव में रहने वाला है, जिससे निवेशकों को सतर्क और तैयार रहना होगा। देश और दुनिया से आने वाले आर्थिक संकेत, कंपनियों की तिमाही रिपोर्ट और केंद्रीय बैंक की नीतियों से जुड़ी अहम घोषणाएं बाजार की दिशा तय करेंगी।

RBI की नीति बैठक: सबसे बड़ी घरेलू ट्रिगर
सप्ताह की सबसे महत्वपूर्ण घटना भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक रहेगी। इसमें रेपो रेट को लेकर लिया जाने वाला फैसला, मुद्रास्फीति (महंगाई), तरलता (लिक्विडिटी) और GDP पर आरबीआई की टिप्पणी निवेशकों की धारणाओं को प्रभावित कर सकती है। क्या ब्याज दरों में कोई बदलाव होगा या मौजूदा स्तर बनाए रखा जाएगा — बाजार की चाल इस पर निर्भर कर सकती है।

 कमाई के मोर्चे पर दिग्गज कंपनियों का इम्तिहान
इस हफ्ते कई ब्लूचिप और निफ्टी-50 कंपनियां अपनी पहली तिमाही (Q1FY26) के नतीजे पेश करने वाली हैं। इनमें भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, SBI, DLF, LIC, ट्रेंट, टाइटन और अडानी पोर्ट्स जैसी बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन पर निवेशकों की नजर रहेगी। यदि नतीजे उम्मीद से बेहतर या कमजोर रहते हैं, तो यह संबंधित स्टॉक्स में तेज़ हलचल ला सकते हैं।

 वैश्विक स्तर पर अमेरिकी नीतियों और टैक्स स्ट्रेटेजी का प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर अमेरिका की ओर से व्यापार नीति, आयात शुल्क (टैरिफ) और चीन जैसे देशों के साथ चल रही बातचीत से जुड़ी खबरें बाजार को दिशा देने वाली हैं। अगर अमेरिका कोई बड़ा फैसला करता है तो इसका असर एशियाई और भारतीय बाजारों पर तुरंत देखने को मिल सकता है।

 अन्य प्रमुख संकेत: विदेशी निवेश, PMI डेटा और कच्चा तेल
HSBC और अन्य सर्वे से जुड़े पीएमआई (PMI) आंकड़े इस बात का संकेत देंगे कि सेवा और उत्पादन क्षेत्रों में कितनी मजबूती है। कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और उसके पीछे OPEC+ के फैसले भी घरेलू महंगाई और व्यापार घाटे पर असर डाल सकते हैं। एफआईआई (FII) और डीआईआई (DII) की खरीद-फरोख्त निवेश धारणा को और स्पष्ट करेगी।

 पिछले हफ्ते की कमजोरी ने बढ़ाई सतर्कता
बीते सप्ताह भारतीय इक्विटी बाजार लाल निशान में बंद हुआ था। लगातार विदेशी बिकवाली, वैश्विक अनिश्चितता और घरेलू आय में मिला-जुला प्रदर्शन इसकी प्रमुख वजहें रहीं। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों की सोच अब और भी सतर्क हो गई है।

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