DGP समेत 10 बड़े अफसरों पर FIR दर्ज, IPS पूरन कुमार मामले में बड़ा एक्शन

Edited By Updated: 09 Oct, 2025 11:50 PM

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हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने अब बड़ा मोड़ ले लिया है। उनकी पत्नी और IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस ने FIR दर्ज की है, जिसमें हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर समेत 10 वरिष्ठ पुलिस...

नेशनल डेस्क: हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने अब बड़ा मोड़ ले लिया है। उनकी पत्नी और IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस ने FIR दर्ज की है, जिसमें हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर समेत 10 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

FIR दर्ज होने तक IAS अमनीत पी. कुमार पोस्टमार्टम नहीं कराने पर अड़ी रहीं। आखिरकार देर रात चंडीगढ़ SSP ने पुष्टि की कि मामला BNS की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है। FIR में उन्हीं अफसरों के नाम हैं, जिन्हें पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में मानसिक प्रताड़ना के लिए जिम्मेदार बताया था।

FIR के बाद हरियाणा सरकार की हलचल

सूत्रों के मुताबिक, FIR दर्ज होते ही राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने तुरंत 1993 बैच के IPS अधिकारी आलोक मित्तल को अपने आवास पर बुलाया। अब प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि DGP शत्रुजीत कपूर को हटाया जा सकता है, और उनकी जगह आलोक मित्तल को हरियाणा पुलिस की कमान सौंपी जा सकती है।

IAS पत्नी की भावनात्मक अपील-  “यह साधारण आत्महत्या नहीं”

शिकायत में IAS अमनीत पी. कुमार ने लिखा- “यह कोई साधारण आत्महत्या का मामला नहीं है। मेरे पति को उच्च अधिकारियों ने लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित और अपमानित किया। अब हम न्याय चाहते हैं- उस अन्याय का जवाब, जो उन्हें झेलना पड़ा।” पूरन कुमार अनुसूचित जाति से थे और अपनी ईमानदारी और सख्त कार्यशैली के लिए जाने जाते थे। उनके सुसाइड नोट में उन्होंने कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लेते हुए लिखा कि उनकी प्रताड़ना ने उन्हें चरम कदम उठाने पर मजबूर किया।

FIR का कानूनी असर

BNS की धारा 108 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने पर सख्त सजा का प्रावधान है, जबकि SC/ST एक्ट का जुड़ना यह संकेत देता है कि उत्पीड़न में जातिगत भेदभाव का पहलू भी हो सकता है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि DGP और अन्य वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज होना दुर्लभ घटना है, जो प्रशासनिक व्यवस्था में गहरी हलचल का संकेत देती है।

परिवार की प्रतिक्रिया

अमनीत पी. कुमार ने कहा, “यह सिर्फ मेरे पति के लिए न्याय नहीं, बल्कि उन सभी ईमानदार अधिकारियों के लिए संदेश है, जो सिस्टम के भीतर संघर्ष कर रहे हैं। मेरे बच्चों को न्याय मिलना चाहिए।”

जांच अब तेज़

चंडीगढ़ पुलिस ने फोरेंसिक टीमों को जांच में लगाया है- जिसमें सुसाइड नोट, डिजिटल साक्ष्य और संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। FIR में नामजद अफसरों से पूछताछ की तैयारी चल रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस FIR के बाद हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक ढांचे में जवाबदेही का नया अध्याय शुरू हो सकता है।

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