Edited By Anu Malhotra,Updated: 28 Oct, 2025 10:38 AM
अक्टूबर की शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाइयों तक पहुंचने के बाद सोने ने फिलहाल एक छोटा ब्रेक लिया है। सोने का भाव MCX पर 10 ग्राम के लिए लगभग ₹1.21 लाख पर कारोबार कर रहा है, जबकि चांदी की कीमत 1 किलो के लिए ₹1.43 लाख तक गिर गई है। पिछले सप्ताह दोनों की...
नेशनल डेस्क: अक्टूबर की शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाइयों तक पहुंचने के बाद सोने ने फिलहाल एक छोटा ब्रेक लिया है। सोने का भाव MCX पर 10 ग्राम के लिए लगभग ₹1.21 लाख पर कारोबार कर रहा है, जबकि चांदी की कीमत 1 किलो के लिए ₹1.43 लाख तक गिर गई है। पिछले सप्ताह दोनों की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली।
₹13,000 से ₹19,500 तक हो सकती है गिरावट
विश्लेषकों के अनुसार, यह गिरावट न केवल स्वाभाविक थी बल्कि बाजार के लिए स्वस्थ भी है। सोने की कीमतें कुछ ही महीनों में लगभग ₹75,000 से ₹1.30 लाख तक पहुंच गई थीं। इस तेज बढ़ोतरी के बाद 10-15% की गिरावट की संभावना थी, जिससे भाव करीब ₹1.15 लाख प्रति 10 ग्राम तक आ सकते हैं। महेंद्र लुनिया, चेयरमैन, विघ्नहर्ता गोल्ड लिमिटेड का कहना है, “जब सोने की कीमत ₹75,000 से बढ़कर ₹1.30 लाख के पार पहुंची, तो बाजार में सुधार की संभावना स्वाभाविक थी। यह गिरावट ₹13,000 से ₹19,500 तक हो सकती है, जिससे भाव लगभग ₹1.15 लाख तक पहुंच सकते हैं।”
मांग में कोई गिरावट नहीं
गिरावट के बावजूद, सोने की मांग मजबूत बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन ऊंचे भावों पर भी खरीदार पीछे नहीं हटे। दुकानों में दशहरा के दौरान steady footfall देखने को मिला और यदि कीमतें दीवाली और शादी के सीजन से पहले थोड़ी और कम होती हैं, तो खरीदारी में और तेजी आ सकती है।लुनिया बताते हैं, ₹1 लाख के पार जाने के बाद लोगों ने सोने में निवेश की अहमियत समझी। चाहे ज्वेलरी हो, सिक्के या डिजिटल प्लेटफॉर्म, मांग अभी भी टिकाऊ है। यदि कीमतें थोड़ी गिरती हैं, तो भारत में सोने की खरीद और बढ़ सकती है।
वैश्विक कारक और डॉलर का प्रभाव
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी सरकार की 27 दिन से लंबित शटडाउन और डोनाल्ड ट्रम्प की राजनीतिक स्थिति ने निवेशकों के मनोबल पर असर डाला है।
लुनिया कहते हैं, इन घटनाओं के कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरें कम करने का दबाव बढ़ सकता है। यदि दरें घटती हैं, तो सोने की मांग फिर से बढ़ सकती है। इन वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए, मुझे नहीं लगता कि भारत में सोने की कीमत ₹1.15 लाख प्रति 10 ग्राम से नीचे जाएगी।
साथ ही, मजबूत अमेरिकी डॉलर और हालिया रिकॉर्ड रैली के बाद मुनाफा वसूली (profit booking) ने भी कीमतों को दबाया। पिछले सप्ताह एक ही दिन में 6% से ज्यादा की गिरावट रिकॉर्ड हुई, जो पिछले दस सालों में सबसे तेज थी। डॉ. रेनीशा चैनानी, हेड ऑफ रिसर्च, ऑग्मोंट कहती हैं, “मजबूत डॉलर, एशिया में घटती भौतिक मांग और हाल की ऊँचाइयों पर मुनाफा वसूली ने सोने को दस हफ्तों में पहली बार नीचे लाया। यह गिरावट महीनों की स्पेकुलेटिव पोजिशनिंग का नतीजा है। बावजूद इसके, सोने का दीर्घकालीन outlook सकारात्मक है।
चांदी की स्थिति
चांदी ने भी सोने के रुख को दोहराया, लेकिन गिरावट और तेज रही। कीमतों में लगभग 9% की गिरावट देखी गई क्योंकि व्यापारी हालिया ऊंचाइयों पर मुनाफा लॉक कर रहे थे। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में वृद्धि और सप्लाई की सहजता ने भी भावों पर दबाव डाला। चैनानी के अनुसार, “चांदी में गिरावट तेज थी क्योंकि मुनाफा वसूली ज्यादा हुई। लेकिन इसके दीर्घकालीन fundamentals मजबूत हैं, खासकर इलेक्ट्रिक वाहन और सोलर सेक्टर की बढ़ती मांग के कारण।”
तकनीकी रुख और आगे का अनुमान
तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, निकट भविष्य में सोना ₹1.20 लाख से ₹1.24 लाख प्रति 10 ग्राम के बीच समेकित रह सकता है। अगर इसमें ब्रेकआउट होता है तो कीमतों में 3-4% तक की चाल देखने को मिल सकती है। चांदी में मजबूत सपोर्ट ₹1.44 लाख प्रति किलो पर है, जबकि रेसिस्टेंस ₹1.50 लाख है।
रिटेल निवेशकों के लिए अवसर
शादी और त्योहारी सीजन के मद्देनज़र, यह मामूली गिरावट रिटेल खरीदारों और निवेशकों के लिए अच्छा मौका हो सकता है। थोड़ी सी कमी ही खरीदारी में तेजी ला सकती है।