Edited By Harman Kaur,Updated: 25 Jul, 2025 03:13 PM

उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीति में हलचल मचा दी है। 21 जुलाई की रात धनखड़ ने सेहत का हवाला देते हुए पद छोड़ा, लेकिन अब सामने आ रही जानकारियां बता रही हैं कि असली वजह कुछ और ही थी।
नेशनल डेस्क: उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीति में हलचल मचा दी है। 21 जुलाई की रात धनखड़ ने सेहत का हवाला देते हुए पद छोड़ा, लेकिन अब सामने आ रही जानकारियां बता रही हैं कि असली वजह कुछ और ही थी। सूत्रों के मुताबिक, एनडीए सांसद और सहयोगी दल धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में थे। यह प्रस्ताव राज्यसभा में अगले ही दिन पेश होना तय था।
क्या था विवाद?
धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग नोटिस को स्वीकार कर लिया था, जबकि सरकार इसे लोकसभा में लाना चाहती थी। इस फैसले ने सरकार के कई मंत्रियों को नाराज कर दिया। कहा जाता है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के दफ्तर में एनडीए सांसदों ने तत्काल हस्ताक्षर करना शुरू कर दिया ताकि अगले दिन अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके।
सूत्र बताते हैं कि सोमवार शाम राज्यसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने धनखड़ को संदेश दे दिया—या तो तुरंत इस्तीफा दें या अगले दिन प्रस्ताव का सामना करने को तैयार रहें। ऐसे हालात से बचने के लिए धनखड़ ने उसी रात राष्ट्रपति भवन जाकर इस्तीफा सौंप दिया।
राष्ट्रपति भवन में भी बदला माहौल
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस्तीफा सौंपते वक्त धनखड़ को करीब 25 मिनट इंतजार कराया गया और उनके लिए विदाई का कोई औपचारिक कार्यक्रम भी नहीं हुआ। कांग्रेस ने तुरंत सवाल उठाए कि असली वजह सेहत है या सरकार का दबाव?
मंत्रियों से रिश्तों में कड़वाहट?
धनखड़ का व्यवहार कई मंत्रियों के साथ अच्छा नहीं था। बैठकों में उनकी डांट-डपट और सख्ती से वरिष्ठ नेता नाराज रहते थे। सूत्रों के मुताबिक, शिवराज सिंह चौहान को तो उन्होंने सार्वजनिक मंच पर अपमानित कर दिया था। विपक्ष पर लगातार हमलावर रहने वाले धनखड़ का रुख महाभियोग प्रस्ताव के बाद अचानक नरम हो गया था, जिससे भाजपा खेमे में और गुस्सा बढ़ गया।