कुत्ते के काटने को न समझें मामूली, घरेलू उपाय हो सकते हैं जानलेवा, जानिए सही इलाज

Edited By Updated: 13 Aug, 2025 09:22 PM

home remedies for dog bite can be fatal know the right treatment

देशभर में कुत्ते के काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। लोगों में यह गलत धारणा होती है कि यदि डॉग बाइट से खून नहीं निकला या सिर्फ खरोंच आई है, तो खतरा नहीं है और लोग इन मामलों को हल्के में लेकर घरेलू नुस्खों पर भरोसा करने लगते हैं। नींबू, मिर्च,...

नेशनल डेस्कः देशभर में कुत्ते के काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। लोगों में यह गलत धारणा होती है कि यदि डॉग बाइट से खून नहीं निकला या सिर्फ खरोंच आई है, तो खतरा नहीं है और लोग इन मामलों को हल्के में लेकर घरेलू नुस्खों पर भरोसा करने लगते हैं। नींबू, मिर्च, हल्दी या सरसों का तेल जैसे उपाय अपनाकर लोग यह मान लेते हैं कि इससे संक्रमण रुक जाएगा। जबकि हकीकत यह है कि कुत्ते के काटने के बाद रेबीज जैसे घातक संक्रमण का खतरा बना रहता है, जो समय पर इलाज न मिलने पर जानलेवा हो सकता है।

रेबीज: एक जानलेवा संक्रमण
कुत्ते के काटने के बाद सबसे गंभीर खतरा रेबीज वायरस से होता है। यह वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद मांसपेशियों और नसों के जरिए सीधे दिमाग तक पहुंचता है। शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, कमजोरी, घबराहट और बेचैनी शामिल हैं, लेकिन समय पर इलाज न मिलने पर लकवा, भ्रम, दौरे और कोमा जैसी स्थितियां बन जाती हैं। इंसानों में एक बार यह वायरस पूरी तरह सक्रिय हो जाए, तो मौत की संभावना बहुत अधिक होती है।

कुत्तों के काटने से होने वाले अन्य संक्रमण
रेबीज के अलावा, कुत्तों के मुंह में मौजूद कई प्रकार के बैक्टीरिया भी शरीर में खतरनाक संक्रमण फैला सकते हैं। इनमें टेटनस, स्किन इंफेक्शन, और कई बार सेप्सिस यानी खून का संक्रमण भी शामिल है। ऐसे में सही इलाज की बजाय घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करना खतरे को और बढ़ा देता है।

आम गलतियां जो बन सकती हैं जानलेवा
कई लोग कुत्ते के काटे घाव पर नींबू, मिर्च, हल्दी, सरसों का तेल या राख लगाने जैसे घरेलू उपाय अपनाते हैं। उनका मानना होता है कि इससे संक्रमण रुक जाएगा। लेकिन यह सोच बिल्कुल गलत है। ये उपाय घाव को ठीक करने के बजाय और अधिक बिगाड़ सकते हैं, जिससे बैक्टीरिया शरीर में आसानी से फैल सकता है।
कुत्ते के काटने के बाद सही समय पर इलाज न करना दूसरी बड़ी गलती है। रेबीज के संक्रमण से बचने के लिए काटे जाने के 24 से 36 घंटे के भीतर पहला टीका लेना बेहद जरूरी है। इलाज में थोड़ी भी देरी मरीज की जान पर भारी पड़ सकती है।

एम्स और WHO की गाइडलाइंस के अनुसार क्या करें?

-  घाव को 10 से 15 मिनट तक साबुन और साफ पानी से धोएं।
-  धोने के बाद एंटीसेप्टिक लगाएं।
-  यदि खून बह रहा है, तो साफ पट्टी से उसे रोकें।
-  जितनी जल्दी हो नजदीकी अस्पताल जाएं और रैबीज वैक्सीन लगवाएं।
-  जरूरत पड़ने पर इम्यूनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन लें।

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