Edited By Shubham Anand,Updated: 18 Dec, 2025 06:59 PM

अब लोग घर बैठे अपने आसपास लगे मोबाइल टावर से निकलने वाले EMF रेडिएशन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। दूरसंचार विभाग ने इसके लिए एक डेडिकेटेड पोर्टल लॉन्च किया है। सरकार के अनुसार मोबाइल टावर रेडिएशन को लेकर स्वास्थ्य से जुड़ा कोई वैज्ञानिक प्रमाण...
नेशनल डेस्क : अब आम नागरिक घर बैठे यह पता लगा सकेंगे कि उनके आसपास लगे मोबाइल टावर से कितना रेडिएशन निकल रहा है। इसके लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक डेडिकेटेड ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है। DoT ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) के जरिए इस सुविधा की जानकारी साझा की है। इस पोर्टल के माध्यम से लोग अपने घर या आसपास लगे मोबाइल टावर से निकलने वाले EMF (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड) रेडिएशन की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
दूरसंचार विभाग का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य मोबाइल टावर से निकलने वाले रेडिएशन को लेकर लोगों के बीच मौजूद भ्रम को दूर करना और पारदर्शिता बढ़ाना है। अब नागरिक खुद यह जांच सकते हैं कि उनके क्षेत्र में लगे मोबाइल टावर तय मानकों के अनुसार काम कर रहे हैं या नहीं।
क्या है EMF रेडिएशन?
EMF यानी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड रेडिएशन उन तरंगों को कहा जाता है, जो मोबाइल टावर से निकलती हैं। ये तरंगें मोबाइल डिवाइस के संपर्क में आकर नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं, जिससे कॉल, इंटरनेट और अन्य सेवाएं संभव हो पाती हैं। मोबाइल टावर से निकलने वाले इन रेडिएशन को लेकर लंबे समय से यह मिथ फैला हुआ है कि ये इंसानों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
हालांकि, अब तक की गई किसी भी वैज्ञानिक रिसर्च में इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि मोबाइल टावर से निकलने वाला EMF रेडिएशन मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी मोबाइल टावर से निकलने वाले EMF रेडिएशन के प्रभावों पर विस्तृत अध्ययन किया है, लेकिन उसमें भी ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया है जिससे यह साबित हो कि यह इंसानों के लिए खतरनाक है।
रेडिएशन मानकों को लेकर भारत की सख्ती
रेडिएशन मानकों के मामले में भारत दुनिया के सबसे सख्त देशों में शामिल है। भारत संभवतः एकमात्र ऐसा देश है, जहां अत्यधिक सावधानी के तौर पर मोबाइल टावर से निकलने वाले रेडिएशन की सीमा अंतरराष्ट्रीय संस्था ICNIRP (International Commission on Non-Ionizing Radiation Protection) द्वारा निर्धारित मानकों के केवल 1/10वें स्तर तक सीमित की गई है। इसके अलावा, भारत ने मोबाइल हैंडसेट के लिए भी बेहद कठोर SAR (Specific Absorption Rate) वैल्यू को अपनाया है। भारत सरकार का कहना है कि इन मानकों की निरंतर निगरानी, सख्ती से पालन और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए हैं।
नियम न मानने पर भारी जुर्माना
अगर कोई टेलीकॉम ऑपरेटर या सर्विस प्रोवाइडर EMF रेडिएशन के तय मानकों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। नियमों के अनुसार, प्रति BTS (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर संबंधित साइट को बंद भी किया जा सकता है। यही वजह है कि मोबाइल टावरों की नियमित निगरानी और ऑडिट किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि EMF रेडिएशन तय सीमा से अधिक न हो।
EMF रेडिएशन की जानकारी ऐसे करें प्राप्त
मोबाइल टावर से निकलने वाले EMF रेडिएशन की जानकारी पाने के लिए नागरिकों को भारत सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर जाना होगा। इसके लिए वेबसाइट है: https://tarangsanchar.gov.in/emfportal इस पोर्टल पर जाने के बाद यूजर को अपनी कुछ सामान्य जानकारियां जैसे नाम और पता दर्ज करना होगा। इसके बाद वह अपने लोकेशन को सेलेक्ट कर सकता है और उस क्षेत्र में लगे मोबाइल टावर से निकलने वाले EMF रेडिएशन की पूरी जानकारी देख सकता है।