Edited By Radhika,Updated: 21 Jul, 2025 12:47 PM

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि मानसून सत्र के पहले दिन वह सदन में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली, लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा सत्तापक्ष के दूसरे लोगों को बोलने का मौका दिया गया।
नेशनल डेस्क: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि मानसून सत्र के पहले दिन वह सदन में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली, लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा सत्तापक्ष के दूसरे लोगों को बोलने का मौका दिया गया। उन्होंने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित होने के बाद संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि बतौर नेता प्रतिपक्ष सदन में अपनी बात रखने का उनको अधिकार है, लेकिन सत्तापक्ष का यह नया रवैया है कि उन्हें बोलने ही नहीं दिया जा रहा।
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राहुल गांधी का कहना था, ‘‘सदन में रक्षा मंत्री को बोलने दिया जाता है, उनके (सत्तापक्ष के) लोगों को बोलने दिया जाता है। विपक्ष के लोगों को बोलने की अनुमति नहीं मिलती है। मैं नेता प्रतिपक्ष हूं, सदन में बोलना मेरा हक है। मुझे कभी बोलने नहीं दिया जाता। यह एक नया रवैया है।'' कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष जिन मुद्दों को उठा रहा है, उन पर अनुमति मिलने के बाद चर्चा होगी। उन्होंने फिर दोहराया, ‘‘परंपरा है कि अगर सरकार के लोग कुछ कहें तो हमे भी मौका मिलना चाहिए। मैं दो शब्द कहना चाहता था, लेकिन अनुमति नहीं दी गई।''

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद समेत अन्य विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई।