प्रेग्नेंट थी पत्नी, पति कर रहा था जबरन मांग, इनकार करने पर पार की हदें और फिर जो सामने आया...

Edited By Updated: 04 Sep, 2025 03:10 PM

in muzaffarnagar husband killed his pregnant wife for dowry

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक दिल दहला देने वाले मामले में एक 30 साल के कपड़ा व्यापारी को अपनी सात महीने की गर्भवती पत्नी की हत्या के आरोप में 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। पति उससे जबरन दहेज की मांग कर रहा था जिसके बाद इनकार करने...

नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक दिल दहला देने वाले मामले में एक 30 साल के कपड़ा व्यापारी को अपनी सात महीने की गर्भवती पत्नी की हत्या के आरोप में 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। पति उससे जबरन दहेज की मांग कर रहा था जिसके बाद इनकार करने पर पति ने हदें पार की और पत्नी को मौत के घाट उतार दिया। आरोपी ने हत्या को छिपाने के लिए कोरोना वायरस संक्रमण से मौत का झूठा बहाना बनाया था।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना जून 2020 की है जब देश में कोविड महामारी फैली हुई थी। आरोपी ए.एस. मोहम्मद ने अपनी 25 साल की पत्नी तबस्सुम की हत्या कर दी। इसके बाद उसने अपने परिवार को बताया कि तबस्सुम की मौत कोरोना से हुई है और जल्दबाजी में बिना पोस्टमार्टम कराए ही उसे दफना दिया गया।

कैसे हुआ खुलासा?

तबस्सुम के मामा मुर्तजा अहमद को उसकी मौत पर शक हुआ। जब वे तबस्सुम के ससुराल पहुंचे तो उन्होंने उसके शरीर पर चोट के निशान देखे। ससुरालवालों के कहने पर भी उन्हें शक हुआ कि वे कोविड से मौत का बहाना बना रहे हैं। तीन दिन बाद मुर्तजा अहमद ने पुलिस में दहेज के लिए हत्या की शिकायत दर्ज कराई।

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दहेज का दबाव 

शिकायत में बताया गया कि तबस्सुम की शादी लगभग 5 साल पहले मोहम्मद से हुई थी। शादी के बाद भी उसका पति और ससुराल वाले लगातार 2 लाख रुपये की अतिरिक्त दहेज की मांग कर रहे थे जिसके लिए तबस्सुम को प्रताड़ित किया जाता था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ खुलासा 

शिकायत के बाद पुलिस ने शव को कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्टम करवाया। रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि तबस्सुम की मौत गला दबाने से हुई थी।

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अदालत का फैसला

पुलिस ने पति मोहम्मद, उसकी मां, भाई और चाची के खिलाफ आईपीसी की कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। अदालत ने सुनवाई के बाद ए.एस. मोहम्मद को दोषी पाया और उसे 10 साल की कैद और 56,000 रुपये का जुर्माना लगाया। हालाँकि सबूतों की कमी के कारण उसकी मां और भाई को बरी कर दिया गया।

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