इन देशों में बार-बार लगते हैं भूकंप के तगड़े झटके, फिर भी नहीं गिरती ऊंची-ऊंची इमारतें, कारण जान आप भी कहेंगे वाह!

Edited By Updated: 04 Sep, 2025 01:37 PM

why do the buildings of tokyo los angeles not collapse even during earthquakes

हर साल 3 सितंबर को स्काईस्क्रैपर डे मनाया जाता है जो ऊंची इमारतों और शानदार इंजीनियरिंग का सम्मान करता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भूकंप के खतरे वाले देशों में खड़ी ये गगनचुंबी इमारतें कैसे सुरक्षित रहती हैं? जापान, इंडोनेशिया, तुर्की और चिली...

नेशनल डेस्क। हर साल 3 सितंबर को स्काईस्क्रैपर डे मनाया जाता है जो ऊंची इमारतों और शानदार इंजीनियरिंग का सम्मान करता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भूकंप के खतरे वाले देशों में खड़ी ये गगनचुंबी इमारतें कैसे सुरक्षित रहती हैं? जापान, इंडोनेशिया, तुर्की और चिली जैसे देश जो पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर स्थित हैं वहां लगातार भूकंप आते हैं फिर भी उनकी ऊंची इमारतें मजबूती से खड़ी रहती हैं।

भूकंप का खतरा और गगनचुंबी इमारतें

जापान और तुर्की जैसे देशों में साल भर में दर्जनों भूकंप आते हैं लेकिन टोक्यो की स्काईट्री या बुर्ज खलीफा जैसी इमारतें सुरक्षित रहती हैं। इसके पीछे खास तरह की इंजीनियरिंग और तकनीक का हाथ है।

इमारतों को बचाने वाली तकनीकें

बेस आइसोलेशन (Base Isolation): इस तकनीक में इमारत की नींव को जमीन से अलग रखा जाता है। नींव के नीचे रबर या शॉक एब्जॉर्बिंग पैड्स लगाए जाते हैं। जब भूकंप आता है तो ये पैड्स जमीन की गति को सोख लेते हैं जिससे इमारत कम हिलती है और सुरक्षित रहती है।

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मोशन डैम्पर्स (Motion Dampers): ये हाइड्रोलिक या तेल से भरे उपकरण होते हैं जिन्हें इमारत के अंदर लगाया जाता है। भूकंप के झटकों के दौरान ये उपकरण कंपन को कम करते हैं और इमारत को स्थिर रखते हैं। जापान की कई ऊंची इमारतों में इनका उपयोग किया जाता है।

पैगोडा-स्टाइल डिज़ाइन (Pagoda-Style Design): यह तकनीक पारंपरिक जापानी मंदिरों से प्रेरित है। इसमें इमारत के बीच में एक मजबूत सेंट्रल पिलर बनाया जाता है जो पूरे स्ट्रक्चर को सहारा देता है। यह डिज़ाइन लचीला होता है और भूकंप के झटकों को आसानी से झेल लेता है। टोक्यो स्काईट्री इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।

रेगुलर ग्रेड स्ट्रक्चर (Regular Grade Structure): इंजीनियरों का मानना है कि इमारत का डिज़ाइन जितना संतुलित और नियमित होगा वह उतनी ही स्थिर रहेगी। इसलिए कई ऊंची इमारतों में सभी मंजिलें और कॉलम एक समान ऊँचाई और दूरी पर बनाए जाते हैं जिससे वे झटकों का बेहतर मुकाबला कर सकें।

ये खास तकनीकें उन देशों के लिए वरदान साबित हुई हैं जहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। इस तरह इंजीनियरिंग ने ऊंची इमारतों को न सिर्फ सुंदर बनाया है बल्कि उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से भी सुरक्षित रखा है।

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