Edited By Shubham Anand,Updated: 08 Aug, 2025 06:07 PM

इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) द्वारा गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, मोबाइल फोन क्षेत्र में तेज़ वृद्धि के कारण भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में साल-दर-साल 47 प्रतिशत बढ़कर 12.4 अरब...
नेशनल डेस्क: इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) द्वारा गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, मोबाइल फोन क्षेत्र में तेज़ वृद्धि के कारण भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में साल-दर-साल 47 प्रतिशत बढ़कर 12.4 अरब डॉलर हो गया है।
पिछले वर्ष इसी अवधि (अप्रैल-जून) में देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 8.43 अरब डॉलर था। कुल मिलाकर, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात वित्त वर्ष 2024 में 29.1 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 38.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। मौजूदा रफ्तार को देखते हुए ICEA का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 46 से 50 अरब डॉलर के बीच रहने की संभावना है।
आईसीईए ने यह भी बताया कि पिछले एक दशक में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन वित्त वर्ष 2015 के 31 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 133 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। ICEA के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा कि मोबाइल फोन निर्यात का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में मोबाइल फोन का निर्यात 4.9 अरब डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 55 प्रतिशत बढ़कर लगभग 7.6 अरब डॉलर हो गया है।
गैर-मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों में सौर मॉड्यूल, स्विचिंग और रूटिंग उपकरण, चार्जर, एडेप्टर और पुर्जे शामिल हैं। इनका निर्यात भी एक साल पहले की तुलना में 37 प्रतिशत बढ़कर 3.53 अरब डॉलर से 4.8 अरब डॉलर हो गया है।
पंकज मोहिंद्रू ने आगे कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स के अन्य उत्पाद खंडों जैसे सौर मॉड्यूल, नेटवर्किंग उपकरण, चार्जर और पुर्जे में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हमें इन क्षेत्रों का विस्तार तेजी से करना होगा। साथ ही, IT हार्डवेयर, पहनने योग्य उपकरण, ऑडियो उत्पाद और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्यात में भी तेजी लानी होगी।" आईसीईए ने पुनः पुष्टि की है कि इस गति को कायम रखते हुए वित्त वर्ष 2026 के अंत तक भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 46 से 50 अरब डॉलर के बीच पहुंच सकता है।