2.58 लाख करोड़ के IPO के लिए तैयार भारतीय बाजार, स्टार्टअप और यूनिकॉर्न भी सूचीबद्ध होंगे

Edited By Updated: 23 Jul, 2025 05:22 PM

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भारत का प्राथमिक शेयर बाजार 2025 के शेष समय में एक जबरदस्त IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम) के दौर के लिए तैयार हो रहा है। टाटा कैपिटल का ₹17,200 करोड़ का IPO, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का ₹15,000 करोड़ का शेयर इश्यू और ग्रो के ₹5,950 करोड़ की शेयर बिक्री...

नेशनल डेस्क : भारत का प्राथमिक शेयर बाजार 2025 के शेष समय में एक जबरदस्त IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम) के दौर के लिए तैयार हो रहा है। टाटा कैपिटल का ₹17,200 करोड़ का IPO, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का ₹15,000 करोड़ का शेयर इश्यू और ग्रो के ₹5,950 करोड़ की शेयर बिक्री समेत कई बड़े वित्तीय सेवा फर्म, स्टार्टअप और यूनिकॉर्न कंपनियां घरेलू शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने की तैयारी कर रही हैं।

₹2.58 लाख करोड़ के IPO और शेयर बिक्री प्रस्ताव को मिली मंजूरी

प्राइम डेटाबेस के अनुसार, ₹1.15 लाख करोड़ मूल्य के IPO को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिल चुकी है और वे बाजार में प्रवेश का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, ₹1.43 लाख करोड़ मूल्य के शेयर बिक्री प्रस्ताव नियामकीय मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस प्रकार कुल ₹2.58 लाख करोड़ के IPO और शेयर बिक्री प्रस्ताव पाइपलाइन में हैं।

2025 की जनवरी से जून के बीच 26 कंपनियों ने कुल ₹52,200 करोड़ जुटाए, जिनमें सबसे बड़ा था HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का ₹12,500 करोड़ का IPO। 2025 की पाइपलाइन में मीशो, फिनटेक यूनिकॉर्न फोनपे, बोट, वीवर्क इंडिया, लेंसकार्ट, शैडोफैक्स, ग्रो और फिजिक्स वालाह जैसी नई पीढ़ी की कंपनियां शामिल हैं। इनके IPO का आकार ₹1,500 करोड़ से ₹9,000 करोड़ के बीच होने की उम्मीद है। इसके अलावा पाइन लैब्स, अमागी, वेकफिट, अर्बन कंपनी, टेबलस्पेस और शिप्रॉकेट जैसी कंपनियां भी IPO के जरिए धन जुटाने की योजना बना रही हैं।

2024 में कुल 90 IPO के जरिए ₹1.60 लाख करोड़ जुटाए गए

2024 की पहली छमाही में 34 IPO लॉन्च किए गए, जिनसे ₹29,607.95 करोड़ जुटाए गए। वहीं, दूसरी छमाही में 56 IPO आए, जिनसे ₹1.30 लाख करोड़ की धनराशि जुटाई गई। कुल मिलाकर, कैलेंडर वर्ष 2024 में 90 IPO के माध्यम से ₹1.60 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए।

म्यूचुअल फंड बने IPO में शीर्ष निवेशक

इक्विटी योजनाओं में निरंतर धन प्रवाह के कारण म्यूचुअल फंड IPO में सबसे बड़े निवेशकों में से एक बने हुए हैं। इक्विरस कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं निवेश बैंकिंग प्रमुख भावेश शाह ने कहा, "IPO के जरिए धन उगाहने में वृद्धि खुदरा और संस्थागत निवेशकों, विशेषकर म्यूचुअल फंड की बढ़ती भागीदारी के कारण हुई है।" पिछले 12 महीनों में 30 जून तक, इक्विटी योजनाओं की कुल संपत्ति 22% बढ़कर ₹26.82 लाख करोड़ से ₹32.69 लाख करोड़ हो गई है। इसके साथ ही, हर महीने व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के जरिए इक्विटी-उन्मुख योजनाओं में लगभग ₹27,000 करोड़ की नई पूंजी आती है।

निजी इक्विटी फंड्स की निकासी से IPO गतिविधि तेज

कई IPO निजी इक्विटी फर्मों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, जो अपने फंड चक्र के अंत के करीब हैं। इससे निकासी गतिविधियों में तेजी आई है। ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी मिहिर वोरा ने बताया, "IPO में तेजी का मुख्य कारण यह है कि कई निजी इक्विटी फंड अपने जीवन चक्र के अंतिम चरण में हैं और उन्हें अपने निवेशकों को निकासी प्रदान करनी है।"

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