ट्रंप बोले 'मोदी मेरे अच्छे दोस्त', तो पीएम मोदी ने जवाब दिया- 'भारत-अमेरिका हैं नेचुरल पार्टनर'

Edited By Updated: 10 Sep, 2025 08:18 AM

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हालिया व्यापारिक मतभेदों के बावजूद भारत और अमेरिका के रिश्तों में दोस्ताना गर्मजोशी बरकरार है। एक ओर जहां दोनों देशों के बीच रूसी तेल खरीद और टैरिफ को लेकर खींचतान जारी है, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड...

नेशनल डेस्क:  हालिया व्यापारिक मतभेदों के बावजूद भारत और अमेरिका के रिश्तों में दोस्ताना गर्मजोशी बरकरार है। एक ओर जहां दोनों देशों के बीच रूसी तेल खरीद और टैरिफ को लेकर खींचतान जारी है, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर रिश्तों को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं।

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर एक पोस्ट के जरिए यह कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक अड़चनों को दूर करने की दिशा में संवाद जारी है। ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को 'बहुत अच्छा दोस्त' बताते हुए यह भी कहा कि वह आने वाले हफ्तों में उनसे सीधी बातचीत को लेकर उत्साहित हैं।

इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी त्वरित प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया के ज़रिए स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका न केवल करीबी दोस्त हैं, बल्कि स्वाभाविक साझेदार भी हैं। पीएम मोदी ने भरोसा जताया कि दोनों देशों के बीच चल रही व्यापार वार्ताएं सहयोग के नए दरवाज़े खोलेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों पक्षों की टीमें तेजी से इस दिशा में काम कर रही हैं और वे राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत को लेकर आशान्वित हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "हम दोनों देश वैश्विक मंच पर अहम साझेदार हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी साझा कोशिशों से भारत और अमेरिका के नागरिकों के लिए एक सुनहरा और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित किया जा सकेगा।"

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गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने पीएम मोदी की सराहना की हो। बीते शनिवार को भी उन्होंने भारत-अमेरिका रिश्तों को "बहुत खास" करार दिया था और कहा था कि वे हमेशा पीएम मोदी के दोस्त रहेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि कुछ नीतियों को लेकर असहमति हो सकती है, लेकिन इससे रिश्तों की मूल भावना प्रभावित नहीं होगी।

क्या है विवाद की जड़?
भारत द्वारा रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना और कुछ अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाने को लेकर अमेरिका की नाराज़गी बनी हुई है। अमेरिका चाहता है कि भारत वैश्विक प्रतिबंधों के तहत रूस से दूरी बनाए, जबकि भारत अपने ऊर्जा हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रहा है।
 
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच एक हाई-लेवल बातचीत हो सकती है, जिसमें व्यापार, रणनीतिक साझेदारी और वैश्विक भू-राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी। ट्रंप के बयान और पीएम मोदी की प्रतिक्रिया ने संकेत दे दिया है कि भले ही रास्ते में कांटे हों, लेकिन दोस्ती की डोर मज़बूत बनी हुई है।

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