शेयर मार्केट हुआ धड़ाम, 800 अंक तक लुढ़का सेंसेक्स, निवेशकों के 4.75 लाख करोड़ डूबे

Edited By Updated: 25 Jul, 2025 05:39 PM

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शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स में बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

नेशनल डेस्क: शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। 30 शेयरों वाला सेंसेक्स लगभग 800 अंक तक फिसल गया, जबकि निफ्टी 25,000 के स्तर से नीचे आ गया इस गिरावट के बीच बाजार करेक्शन मोड में नजर आया और कई शेयरों में बिकवाली का दबाव देखा गया। खासतौर पर बड़ी कंपनियों के स्टॉक्स में 5 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई।

बजाज फाइनेंस के नतीजों के बाद बैंकिंग शेयरों पर दबाव
बजाज फाइनेंस के कमजोर तिमाही नतीजों का सीधा असर बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों पर पड़ा। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 1 फीसदी और निफ्टी बैंक में 600 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व के शेयर टॉप लूजर्स में रहे, जिनमें क्रमशः 5.5% और 4.5% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं यूनियन बैंक, इंडियन बैंक और केनरा बैंक के शेयर 3% से ज्यादा गिर गए।

ऑटो, आईटी और मेटल सेक्टर भी कमजोर
सिर्फ बैंकिंग ही नहीं, निफ्टी ऑटो इंडेक्स में भी 1.3 फीसदी की गिरावट आई। साथ ही, पीएसयू बैंक, आईटी और मेटल सेक्टर में भी बिकवाली का माहौल रहा। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी कमजोरी दिखी। मिडकैप इंडेक्स में 1.3% और स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.7% की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 4.75 लाख करोड़ रुपये घटकर 453.35 लाख करोड़ रुपये रह गया।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली बनी बड़ी वजह
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) द्वारा की जा रही भारी बिकवाली ने भी बाजार पर दबाव बढ़ाया है। पिछले चार कारोबारी सत्रों में एफआईआई ने भारतीय बाजार से 11,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने पहले ही आगाह किया था कि एफआईआई की लगातार बिकवाली से बाजार में दबाव बना रहेगा।

कमजोर तिमाही नतीजों से निवेशक निराश
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के कमजोर नतीजों ने भी बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर डाला है। आईटी और फाइनेंशियल सेक्टर की कई कंपनियों के नतीजे निवेशकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। इसके अलावा, कंपनियों की मैनेजमेंट टिप्पणियों में सतर्कता ने भी बाजार में निराशा का माहौल बढ़ा दिया।

भारत-अमेरिका ट्रेड डील में देरी से चिंता
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील में अनिश्चितता बनी हुई है। अमेरिका ने जहां जापान, वियतनाम, फिलीपींस जैसे देशों के साथ समझौते किए हैं, वहीं भारत के साथ अभी बातचीत जारी है। टैरिफ लगाने की डेडलाइन 1 अगस्त नजदीक आने से निवेशक असमंजस में हैं। जब तक कोई स्पष्ट घोषणा नहीं होती, बाजार में दबाव बना रह सकता है।

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