Edited By Anu Malhotra,Updated: 07 Oct, 2025 10:47 AM

ईरान में महंगाई की समस्या इतनी बढ़ चुकी है कि रोजमर्रा की छोटी-छोटी खरीदारी के लिए भी लाखों या करोड़ों रियाल खर्च करने पड़ते हैं। इसी आर्थिक उलझन को सुलझाने के लिए ईरान की सरकार ने एक बड़ा और अनोखा कदम उठाया है, जिसने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा...
नेशनल डेस्क: ईरान में महंगाई की समस्या इतनी बढ़ चुकी है कि रोजमर्रा की छोटी-छोटी खरीदारी के लिए भी लाखों या करोड़ों रियाल खर्च करने पड़ते हैं। इसी आर्थिक उलझन को सुलझाने के लिए ईरान की सरकार ने एक बड़ा और अनोखा कदम उठाया है, जिसने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
ईरान ने रियाल से हटाए चार ज़ीरो
ईरान ने अपने मुद्रा रियाल से चार शून्य (जीरो) हटाने का ऐतिहासिक फैसला किया है। इसका मतलब यह है कि जिस नोट की कीमत अब तक 10,000 रियाल थी, वह अब मात्र 1 रियाल की बराबर हो जाएगी। इसे अपनाने के बाद मुद्रा की संख्या इतनी कम हो जाएगी कि हिसाब-किताब करना पहले से काफी आसान हो जाएगा। फिलहाल, 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत लगभग 11,50,000 रियाल है, लेकिन जीरो हटने के बाद यह करीब 115 रियाल हो जाएगी।
महंगाई ने बढ़ाई परेशानी
ईरान में लगातार बढ़ती महंगाई ने मुद्रा की कीमत को इतना कम कर दिया है कि लोग भारी-भरकम नोट लेकर भी सामान्य सामान खरीद रहे थे। इससे आर्थिक लेन-देन में भारी बाधा आ रही थी और रोजमर्रा के कारोबार में काफी जटिलताएं हो रही थीं। छोटी-छोटी चीजों की खरीददारी के लिए भी नोटों के ढेर जमा करने पड़ते थे, जिससे पैसे का सम्मान भी कम हो जाता था। इस समस्या का समाधान करने और मुद्रा की प्रतिष्ठा वापस लाने के लिए सरकार ने चार ज़ीरो हटाने का कदम उठाया है।
तीन साल का संक्रमण काल
यह बदलाव अचानक नहीं होगा, बल्कि इसे लागू करने के लिए तीन साल का संक्रमण काल रखा गया है। इस दौरान पुराने नोट भी बाजार में समान रूप से चलेगे। लोग अपने पुराने नोटों को इस्तेमाल कर सकेंगे और बैंक धीरे-धीरे उन्हें वापस लेकर नए नोट जारी करेंगे। इससे किसी को भी असुविधा नहीं होगी और बदलाव धीरे-धीरे होगा।
कीमतों में कोई फर्क नहीं पड़ेगा
यह जानना जरूरी है कि चार ज़ीरो हटाने से महंगाई कम नहीं होगी और सामान सस्ता नहीं होगा। उदाहरण के तौर पर, यदि आपकी तनख्वाह 20 लाख रियाल है और चीनी की कीमत 20,000 रियाल है, तो पुराने हिसाब से आप 100 किलो चीनी खरीद सकते थे। नए हिसाब में आपकी तनख्वाह 200 रियाल हो जाएगी और चीनी की कीमत 20 रियाल, लेकिन खरीद क्षमता पहले जैसी ही रहेगी। बस नोटों की संख्याएं कम हो जाएंगी, ताकि लेन-देन सरल बने।
वेनेजुएला ने भी लिया था ऐसा कदम
ईरान अकेला ऐसा देश नहीं है जिसने अपनी मुद्रा से शून्य हटाने का फैसला लिया हो। इससे पहले अक्टूबर 2021 में वेनेजुएला ने अपने करेंसी नोटों से छह शून्य हटाकर इसी तरह की स्थिति से निपटने की कोशिश की थी। इस तरह के कदम मुद्रास्फीति से प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं में सामान्य होते जा रहे हैं।