ISRO के 10 जासूस आसमान से देख रहे थे सब… जानिए ऑपरेशन सिंदूर से दुश्मन की हर चाल हुई नाकाम

Edited By Updated: 27 Jun, 2025 02:55 PM

isro contribution in operation sindoor monitoring enemy

भारत की सुरक्षा अब सिर्फ ताकत नहीं, तकनीक पर भी आधारित है। इसका ताजा उदाहरण है ऑपरेशन सिंदूर, जो भारतीय सेना और इसरो (ISRO) की साझेदारी से दुश्मनों के खिलाफ एक सटीक और गोपनीय मिशन के रूप में सफल रहा। इस ऑपरेशन में ISRO के 10 उन्नत सैटेलाइट्स, विशेष...

नेशलन डेस्क: भारत की सुरक्षा अब सिर्फ ताकत नहीं, तकनीक पर भी आधारित है। इसका ताजा उदाहरण है ऑपरेशन सिंदूर, जो भारतीय सेना और इसरो (ISRO) की साझेदारी से दुश्मनों के खिलाफ एक सटीक और गोपनीय मिशन के रूप में सफल रहा। इस ऑपरेशन में ISRO के 10 उन्नत सैटेलाइट्स, विशेष रूप से RISAT और Cartosat, ने निर्णायक भूमिका निभाई। आइए जानते हैं इस मिशन में कैसे साइंस ने सेना का साथ दिया और देश की सुरक्षा को नई ऊंचाई दी।

ऑपरेशन सिंदूर: जब सेना और साइंस साथ चले

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने आतंकियों के खिलाफ सीमित लेकिन बेहद सटीक कार्रवाई की। इस कार्रवाई में वायुसेना ने केवल 23 मिनट में लक्ष्य को तबाह कर दिया और वह भी बिना लाइन ऑफ कंट्रोल पार किए। यह तब संभव हो पाया जब ISRO के सैटेलाइट्स ने पहले से दुश्मन के मूवमेंट, ठिकानों और डिफेंस सिस्टम की पूरी जानकारी सेना को उपलब्ध करा दी थी।

ISRO के 10 बाहुबली सैटेलाइट्स: हर पल निगरानी में आसमान

ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन के मुताबिक कम से कम 10 सैटेलाइट्स 24 घंटे भारत की सीमाओं की निगरानी करते हैं। ये सैटेलाइट भारत की 7000 किमी लंबी समुद्री सीमा, उत्तर भारत की पहाड़ी सीमाएं, और पश्चिमी व पूर्वी बॉर्डर पर बराबर नजर रखते हैं।

इन सैटेलाइट्स में सबसे अहम रहे –

  • RISAT (Radar Imaging Satellite)

  • Cartosat Series

कैसे काम करते हैं ये सैटेलाइट्स?

RISAT की खूबियां:

  • यह सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) तकनीक से लैस है, जिससे यह बादलों और अंधेरे में भी साफ तस्वीरें ले सकता है

  • दिन-रात और खराब मौसम में निगरानी करने की क्षमता

  • दुश्मन की मूवमेंट, बॉर्डर एक्टिविटी और कैंप्स की सही जानकारी

  • सीमा पार लॉन्च पैड्स और आतंकी ठिकानों की पहचान

  • बाढ़ और आपदा के समय राहत योजना में मदद

  • आतंकवाद विरोधी अभियानों में सटीक सर्विलांस

Cartosat की विशेषताएं:

  • हाई रेजोल्यूशन ऑप्टिकल इमेजिंग

  • 1 मीटर से कम स्पैटियल रेजोल्यूशन, जिससे वाहन, बंकर, रनवे आदि की पहचान संभव

  • 3D मैपिंग की क्षमता – जमीनी संरचनाओं का गहराई से विश्लेषण

  • मिशन की सटीक प्लानिंग के लिए डिजिटल नक्शे बनाना

  • स्ट्राइक टारगेट की योजना, एक्सेस पॉइंट और रिट्रीट रूट्स की तैयारी

  • सीमावर्ती और शहरी इलाकों की प्रभावशाली निगरानी

दुश्मन की 'आंख' बंद, भारत की 'दृष्टि' तेज

ऑपरेशन सिंदूर में सबसे पहले भारत ने दुश्मन के रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को टारगेट किया। इससे उनकी 'आंखें' बंद हो गईं और हमारी मिसाइलें आसानी से लक्ष्य तक पहुंचीं। यह रणनीति RISAT और Cartosat द्वारा पहले से दी गई इंटेलिजेंस पर आधारित थी। इसका मतलब ये हुआ कि दुश्मन कुछ देख भी नहीं पाया और भारतीय सेना ने सटीकता से उन्हें मात दे दी।

क्यों जरूरी हैं ऐसे सैटेलाइट्स?

आज के युद्ध सिर्फ बंदूक और बमों से नहीं, बल्कि तकनीक और जानकारी की लड़ाई है। ISRO की तकनीक के बिना इतनी सटीक और गोपनीय कार्रवाई करना मुमकिन नहीं होता। इन सैटेलाइट्स ने न केवल दुश्मन की हर हरकत को रिकॉर्ड किया बल्कि भारतीय सेना को मिशन की हर योजना में रणनीतिक बढ़त दी।

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