Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Dec, 2019 11:45 AM
इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) चंद्रयान-3 मिशन की तैयारियों में जुट गया है। इसरो ने इस मिशन के लिए केंद्र सरकार से 75 करोड़ रुपए की मांग की है। हालांकि केंद्र ने पहले से ही 75 करोड़ रुपए का बजट रखा है। लेकिन इसरो ने उसके अलावा सिर्फ इस मिशन...
नेशनल डेस्कः इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) चंद्रयान-3 मिशन की तैयारियों में जुट गया है। इसरो ने इस मिशन के लिए केंद्र सरकार से 75 करोड़ रुपए की मांग की है। हालांकि केंद्र ने पहले से ही 75 करोड़ रुपए का बजट रखा है। लेकिन इसरो ने उसके अलावा सिर्फ इस मिशन के लिए अतिरिक्त रुपयों की मांग की है। वित्त मंत्रालय से इसे लेकर पुष्टि की गई है कि इसरो की ओर से चंद्रयान-3 के लिए बजट मांगा गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के सप्लिमेंटरी बजट के प्रावधानों के तहत यह बजट मांगा गया है। इसरो के बजट में 60 करोड़ रुपए मशीनरी, उपकरण और दूसरे खर्चों के लिए और बाकी 15 करोड़ रेवेन्यू खर्च के अंतर्गत मांगे गए हैं। सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने इसरो को आश्वासन दिया गया है कि उसे पैसे दिए जाएंगे लेकिन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।
कुल 666 करोड़ का बजट
इसरो ने 2019-2020 के दौरान कुल 666 करोड़ रुपए का बजट मांगा है जिसमें से 11% से ज्यादा सिर्फ चंद्रयान-3 के लिए मांगा गया है। 666 करोड़ में से 8.6 करोड़ रुपए 2022 के प्रस्तावित ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम, 12 करोड़ स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल और 120 करोड़ लॉन्चपैड के डिवेलपमेंट के लिए मांगे गए हैं। सबसे ज्यादा डिमांड यूआर राव सैटलाइट सेंटर और सतीश धवन स्पेस सेंटर के लिए की गई है। दोनों के लिए 516 करोड़ रुपए मांगे गए हैं।
बता दें कि इसरो चंद्रयान और चंद्रयान-2 मिशन पर भी काम कर चुका है। चंद्रयान में इसरो ने जहां सिर्फ एक ऑर्बिटर चांद तक भेजा गया था, वहीं चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर के साथ लैंडर और रोवर भी भेजे गए थे। चंद्रयान-2 के लैंडिंग से कुछ समय पहले ही विक्रम लैंडर का संपर्क टूट गया था हालांकि ऑर्बिटर चांद की कक्षा में चक्कर काट रहा है और अपना काम सही से कर रहा है।