Edited By Shubham Anand,Updated: 15 Dec, 2025 08:10 PM

मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चूहों की समस्या गंभीर होती जा रही है। जबलपुर जिला अस्पताल के अस्थि वार्ड में भर्ती एक बच्चे के बेड के आसपास चूहे घूमते दिखे, जिसका वीडियो वायरल हुआ है। इससे पहले इंदौर और मेडिकल कॉलेज जबलपुर में भी ऐसी घटनाएं...
नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चूहों की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है और यह अब मरीजों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। इंदौर के एमवाय अस्पताल और जबलपुर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के बाद अब जबलपुर जिला अस्पताल विक्टोरिया से भी चूहों के आतंक का मामला सामने आया है। यहां अस्थि रोग वार्ड में भर्ती एक मरीज के बेड और टिफिन के आसपास तीन चूहे खुलेआम घूमते नजर आए, जिससे अस्पताल की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार, शाहपुरा निवासी 10 वर्षीय मदन चौधरी हाथ के इलाज के लिए पिछले एक सप्ताह से जबलपुर जिला अस्पताल में भर्ती हैं। ऑपरेशन के बाद दो दिन पहले ही उन्हें आईसीयू से अस्थि वार्ड में शिफ्ट किया गया था। मदन के पिता मनोज चौधरी ने बताया कि वार्ड में रात के समय चूहे खुलेआम घूमते रहते हैं और कई बार मरीज के ऊपर भी गिर चुके हैं। इस स्थिति से परेशान होकर उन्होंने रविवार देर रात करीब 3 बजे चूहों का वीडियो रिकॉर्ड किया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
जबलपुर के सरकारी अस्पतालों में चूहों से जुड़ी यह पहली घटना नहीं है। करीब तीन महीने पहले नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग में भर्ती दो मरीजों के पैर चूहों ने कुतर दिए थे। वहीं इससे पहले प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, इंदौर के एमवाय अस्पताल के एनआईसीयू में चूहों के काटने से दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी। उस घटना के बाद मानवाधिकार आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया था।
मरीजों की नींद उड़ी, सिस्टम पर उठे सवाल
जबलपुर जिला अस्पताल में रातभर चूहों के आतंक के चलते मरीज और उनके परिजन सो नहीं सके। वायरल वीडियो सामने आने के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई है और विभागीय लापरवाही उजागर हो गई है। इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पर निशाना साधते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है।
सिविल सर्जन का बयान बना चर्चा का विषय
इस गंभीर मामले पर जबलपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन नवीन कोठारी का बयान विवादों में घिर गया है। उन्होंने कहा कि अस्थि वार्ड में किचन निर्माण कार्य के दौरान जेसीबी मशीन के उपयोग से पुरानी पाइपलाइनें क्षतिग्रस्त हो रही हैं, जिसके कारण चूहों की समस्या बढ़ी है।
सिविल सर्जन के अनुसार, “वार्ड में चूहे आना गंभीर समस्या है, लेकिन विक्टोरिया अस्पताल बहुत पुराना है। इसकी पाइपलाइन भी पुरानी है, जिस पर हमारा पूरा नियंत्रण नहीं है। यह अस्पताल करीब डेढ़ सौ साल पुराना है। जब भी जमीन खोदी जाती है, तो चूहे, सांप और छिपकलियां बाहर निकलती हैं, क्योंकि ये वहां के मूल निवासी हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि मानवीय दृष्टिकोण से यह स्थिति मरीजों के लिए घातक हो सकती है। अस्पताल प्रशासन ने सिस्टर इंचार्ज से स्टाफ की संख्या बढ़ाने को कहा है। मेल और फीमेल वार्ड में अतिरिक्त महिला स्टाफ की तैनाती की जा रही है। इसके साथ ही मरीजों के परिजनों से भी आग्रह किया गया है कि वे वार्ड में भोजन न करें, क्योंकि खाने की वजह से चूहे वहां आते हैं।
पेस्ट कंट्रोल और सफाई व्यवस्था पर दिया गया आश्वासन
सिविल सर्जन ने बताया कि पेस्ट कंट्रोल एजेंसी को भी निर्देश दिए गए हैं, लेकिन ऐसी दवाइयों का उपयोग नहीं किया जा सकता जिससे मरीजों को नुकसान पहुंचे। उन्होंने कहा कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार सफाई व्यवस्था कराई जा रही है और यदि कहीं लापरवाही पाई गई तो संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया जाएगा।