Edited By Shubham Anand,Updated: 08 Nov, 2025 02:56 PM

जम्मू-कश्मीर में बनिहाल-बारामूला ट्रेन के विंडशील्ड से एक चील टकराने के बाद ट्रेन सेवा रोक दी गई। इस हादसे में लोको पायलट को मामूली चोटें आईं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन को तुरंत रोका गया और इंजन का निरीक्षण किया...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में शनिवार को बनिहाल और बारामूला के बीच चल रही ट्रेन सेवा उस समय रोक दी गई, जब एक चील ट्रेन के आगे के विंडशील्ड से टकरा गई। इस हादसे में लोको पायलट को मामूली चोटें आईं। रेलवे अधिकारियों ने तुरंत ट्रेन को रोका और सभी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
कैसे हुआ हादसा
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब बारामूला-बनिहाल ट्रेन घाटी में बिजबेहरा और अनंतनाग रेलवे स्टेशनों के बीच यात्रा कर रही थी। अचानक एक चील ट्रेन के विंडशील्ड से टकरा गई, जिससे शीशा क्षतिग्रस्त हो गया और लोको पायलट विशाल घायल हो गए।
उन्हें अनंतनाग रेलवे स्टेशन पर प्राथमिक उपचार दिया गया, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन को तुरंत रोका गया और इंजन का विस्तृत निरीक्षण किया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों ने कहा, “यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं और ट्रेन को आगे बढ़ाने से पहले इंजन की तकनीकी जांच की जा रही है।”
रेल परियोजनाओं की प्रगति
वर्तमान में वंदे भारत ट्रेन सेवा रियासी जिले के कटरा रेलवे स्टेशन और कश्मीर के बीच संचालित हो रही है। उत्तर रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, जम्मू रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास, विस्तार और ट्रैक उन्नयन का कार्य इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। इन कार्यों के पूरा होने के बाद जम्मू और कश्मीर घाटी के बीच सीधी ट्रेन सेवा शुरू करने की योजना है।
देश की सबसे चुनौतीपूर्ण रेल परियोजना
जम्मू-कश्मीर के लिए रेलवे परियोजना भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में से एक मानी जाती है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) 272 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन है, जिसमें 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं। यह परियोजना हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है।
इस परियोजना में रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना चिनाब रेलवे पुल भी शामिल है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है और एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। इसके अलावा, इस ट्रैक में देश का पहला केबल-स्टेड रेलवे पुल — अंजी खाद पुल — भी शामिल है।