Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Nov, 2025 02:22 PM
अगर आप सोचते हैं कि सोना अब अपने चरम पर पहुंच चुका है, तो ज़रा रुकिए — 2026 तक इसके भाव आपको चौंका सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी की नई लहर ने संकेत दिया है कि आने वाले दो सालों में सोना न सिर्फ़ अपनी चमक कायम रखेगा, बल्कि निवेशकों की जेब भी...
नई दिल्ली: अगर आप सोचते हैं कि सोना अब अपने चरम पर पहुंच चुका है, तो ज़रा रुकिए — 2026 तक इसके भाव आपको चौंका सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी की नई लहर ने संकेत दिया है कि आने वाले दो सालों में सोना न सिर्फ़ अपनी चमक कायम रखेगा, बल्कि निवेशकों की जेब भी भरेगा। ताज़ा अनुमान के मुताबिक, 2026 तक 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,59,000 तक पहुंच सकती है — यानी करीब 20% का रिटर्न देने की संभावना।
क्यों बढ़ रहा है सोने का आकर्षण?
अमेरिका में सरकारी शटडाउन के खत्म होने और आर्थिक डेटा में मंदी के संकेतों ने फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बढ़ा दिया है। जब ब्याज दरें घटती हैं, तो निवेशक पारंपरिक साधनों से हटकर सोने में पैसा लगाते हैं — और यही ट्रेंड फिलहाल बाजार को चमका रहा है।
Comex Gold Futures दिसंबर डिलीवरी में 0.45% की तेजी के साथ $4,140 प्रति औंस पर पहुंच गया है। सिल्वर भी मजबूती दिखा रही है और $50.35 प्रति औंस के करीब है। वहीं भारत में मुंबई में 24 कैरेट सोना ₹1,23,830 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोना ₹1,13,510 प्रति 10 ग्राम के आसपास ट्रेड कर रहा है।
सेंट्रल बैंकों की सोने पर मेहरबानी
सिर्फ निवेशक ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई सेंट्रल बैंक भी सोने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। चीन का सेंट्रल बैंक लगातार 12वें महीने अपने गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी कर चुका है, जो अब 74 मिलियन औंस से अधिक है। वहीं, तीसरी तिमाही में वैश्विक सेंट्रल बैंकों ने 220 टन सोना खरीदा — पिछली तिमाही से 28% ज़्यादा। यह संस्थागत खरीद सोने की कीमतों के लिए मज़बूत सपोर्ट बन गई है।
गोल्ड ETF में भी बढ़ी दिलचस्पी
निवेशकों का भरोसा गोल्ड ETF में भी झलक रहा है। अक्टूबर में अकेले 54.9 टन सोना ETF में जोड़ा गया, जिससे लगातार पांचवें महीने इनफ्लो दर्ज हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि यह रुझान दिखाता है कि सोने में भरोसा अभी बरकरार है — और आने वाले महीनों में कीमतें स्थिर होकर एक नई छलांग लगा सकती हैं।
एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
ऑगमोंट की रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी के मुताबिक, सोने के भाव फिलहाल ₹1.25 लाख प्रति 10 ग्राम के आसपास टिके रह सकते हैं, लेकिन आगे चलकर इसमें तेजी की पूरी गुंजाइश है। वहीं JP Morgan का अनुमान है कि 2026 तक सोना $5,000 प्रति औंस तक पहुंच सकता है, और कुछ विश्लेषकों के अनुसार यह आंकड़ा $5,200–$5,300 तक जा सकता है — यानी मौजूदा स्तर से लगभग 20% की छलांग।
निवेशकों के लिए क्या मतलब है?
यदि यह अनुमान सही साबित हुआ, तो सोना आने वाले वर्षों में शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच भी स्थिर रिटर्न देने वाला सुरक्षित ठिकाना बना रहेगा। जिन निवेशकों ने पहले ही अपनी पोर्टफोलियो में गोल्ड को जगह दी है, वे मुस्कुरा सकते हैं — और जो नहीं, उनके लिए 2026 से पहले यह “गोल्डन एंट्री” का वक्त साबित हो सकता है।