तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद पर लगा बैन! कर्नाटक सरकार ने उठाया अहम कदम

Edited By Updated: 21 Sep, 2024 03:21 PM

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आंध्र प्रदेश के तिरुमाला जिले स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में दिए जाने वाले प्रसाद, खासकर प्रसिद्ध लड्डुओं में जानवरों की चर्बी के कथित उपयोग को लेकर उठे विवाद के बाद, कर्नाटक सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। कर्नाटक के मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने...

नेशनल डेस्क: आंध्र प्रदेश के तिरुमाला जिले स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में दिए जाने वाले प्रसाद, खासकर प्रसिद्ध लड्डुओं में जानवरों की चर्बी के कथित उपयोग को लेकर उठे विवाद के बाद, कर्नाटक सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। कर्नाटक के मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने शुक्रवार को घोषणा की कि राज्य के सभी प्रमुख मंदिरों में प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी का परीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही, इन मंदिरों में केवल कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) द्वारा निर्मित नंदिनी घी का ही उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है।

मंदिरों में नंदिनी घी का होगा उपयोग
मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, "कर्नाटक के सभी प्रमुख मंदिरों में अब से प्रसाद बनाने के लिए केवल KMF के नंदिनी घी का उपयोग किया जाएगा। हमने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि मंदिरों में दिए जाने वाले प्रसाद की शुद्धता बनी रहे।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिरों में प्रसाद का नियमित रूप से परीक्षण किया जाएगा ताकि मिलावट को रोका जा सके।
 
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद और लड्डुओं में मिलावट के मामले के बीच कर्नाटक सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया। जारी किए गए सर्कुलर में सरकार ने मंदिरों में सिर्फ नंदिनी घी के इस्तेमाल करने का आदेश दिया। कर्नाटक के मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, कर्नाटक के सभी प्रमुख मंदिरों को प्रसाद में केवल केएमएफ के नंदिनी घी का उपयोग होगा। हम इन मंदिरों में दिए जाने वाले प्रसाद का भी परीक्षण करेंगे।

 तिरुपति लड्डू विवाद की पृष्ठभूमि

विवाद तब शुरू हुआ जब यह दावा किया गया कि तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल पाया गया है। इस दावे ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई और भक्तों में चिंता का माहौल बना दिया। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर शामला राव ने भी आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने प्रसाद में मिलावट की जांच के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए थे। उन्होंने प्रसाद में मिलावटी घी का भी जिक्र किया, जिससे विवाद और बढ़ गया।

जेपी नड्डा ने मांगी रिपोर्ट
विवाद के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात कर पूरी रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा, "मैंने इस मामले में जानकारी हासिल की है और आंध्र प्रदेश के सीएम से रिपोर्ट देने को कहा है ताकि इसकी जांच हो सके। राज्य के खाद्य नियामकों से भी बातचीत कर उचित कार्रवाई की जाएगी।"

जगन मोहन रेड्डी का आरोप
इस बीच, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि तेलुगु देशम पार्टी (TDP) धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने कहा, "टीडीपी इस मुद्दे को बेवजह उछाल रही है और धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही है।"

कर्नाटक का निर्णय एक नजीर
तिरुपति लड्डू विवाद के चलते कर्नाटक सरकार द्वारा उठाए गए कदम को एक महत्वपूर्ण और नजीर के रूप में देखा जा रहा है। मंदिरों में दिए जाने वाले प्रसाद की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक हो सकता है। इस विवाद ने तिरुपति बालाजी मंदिर और उसके प्रसिद्ध लड्डुओं की शुद्धता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे अब धार्मिक और राजनीतिक हलकों में गहरी बहस छिड़ गई है।

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