कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला: सरकारी स्कूल, कॉलेज और परिसरों में RSS की गतिविधियों पर लगेगी रोक

Edited By Updated: 16 Oct, 2025 05:04 PM

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कर्नाटक सरकार ने सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। मंत्री प्रियंक खरगे ने इस कदम की जानकारी दी और कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों पर रोक लगेगी। इस...

नेशनल डेस्क : कर्नाटक सरकार ने सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों पर रोक लगाने का फैसला किया है। राज्य के मंत्री प्रियंक खरगे ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। इस निर्णय के बाद खरगे को फोन पर धमकियां मिलने का दावा किया गया है, जिसे लेकर सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया है।

कर्नाटक सिविल सेवा नियमों का हवाला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पुत्र और कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को 13 अक्टूबर को पत्र लिखकर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को RSS और अन्य समान संगठनों की गतिविधियों में भाग लेने से रोकने की मांग की थी। उन्होंने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियमों का हवाला देते हुए कहा, "कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या राजनीति में शामिल संगठन का सदस्य नहीं हो सकता, न ही किसी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में भाग ले सकता है।"

खरगे ने पत्र में उल्लेख किया कि हाल के दिनों में कई सरकारी कर्मचारी और अधिकारी RSS द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने मांग की कि ऐसे संगठनों की गतिविधियों में भाग लेने पर सख्त रोक लगाई जाए।

स्कूल-कॉलेजों में RSS गतिविधियों पर प्रतिबंध
प्रियंक खरगे ने मुख्यमंत्री से सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर RSS की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया था। गुरुवार को उन्होंने घोषणा की कि सरकार ने इस दिशा में नियम लागू करने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य सरकारी संस्थानों को राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखना है।

धमकी का दावा, सुरक्षा बढ़ाई गई
मंगलवार को प्रियंक खरगे ने दावा किया कि उन्हें RSS गतिविधियों पर प्रतिबंध की मांग करने के बाद फोन पर धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति उन्हें गाली देता और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देता सुनाई दे रहा है। हालांकि, खरगे ने अभी तक इस संबंध में पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की है। मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खरगे की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा, "सरकार ने धमकियों के मामले को गंभीरता से लिया है और उचित कार्रवाई की जाएगी।"

भाजपा ने जताया विरोध
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रियंक खरगे के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने इसे RSS के खिलाफ राजनीतिक द्वेष से प्रेरित बताया और खरगे को राज्य में RSS पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की चुनौती दी। BJP नेताओं का कहना है कि RSS एक सांस्कृतिक संगठन है और इस पर प्रतिबंध लगाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है।

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