Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Nov, 2025 03:31 PM

राज्य में आवारा कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं ने आखिरकार कर्नाटक सरकार को बड़े फैसले लेने पर मजबूर कर दिया है। सरकार ने घोषणा की है कि अगर किसी व्यक्ति की जान कुत्ते के काटने से चली जाती है, तो उसके परिवार को 5 लाख रुपये का विशेष मुआवजा दिया...
बेंगलुरु: राज्य में आवारा कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं ने आखिरकार कर्नाटक सरकार को बड़े फैसले लेने पर मजबूर कर दिया है। सरकार ने घोषणा की है कि अगर किसी व्यक्ति की जान कुत्ते के काटने से चली जाती है, तो उसके परिवार को 5 लाख रुपये का विशेष मुआवजा दिया जाएगा।
इसके अलावा, गंभीर रूप से घायल होने वाले लोगों के लिए भी आर्थिक सहायता तय की गई है। यदि किसी व्यक्ति को कुत्ते ने इस तरह से काटा कि त्वचा फट जाए, गहरा घाव बन जाए या शरीर के कई हिस्सों पर चोट लगे, तो पीड़ित को कुल 5,000 रुपये की मदद मिलेगी। इनमें से 3,500 रुपये सीधे पीड़ित को मिलेंगे, जबकि 1,500 रुपये इलाज के लिए सुवर्ण आरोग्य सुरक्षा ट्रस्ट को भेजे जाएंगे।
तमिलनाडु से भी डराने वाली तस्वीर
इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने तमिलनाडु में कुत्तों के हमलों और रेबीज के मामलों को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि सिर्फ इस साल ही राज्य में 5 लाख से अधिक डॉग-बाइट केस दर्ज किए गए हैं और 28 लोगों की मौत रेबीज से हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि कुत्तों से प्रेम होना गलत नहीं है, लेकिन जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है। चिदंबरम ने साफ कहा कि कुत्ता प्रेमी होने का मतलब यह नहीं कि आवारा कुत्तों की पकड़, नसबंदी और टीकाकरण का विरोध किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है, खासकर इसलिए ताकि बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सड़क पर सुरक्षित महसूस कर सकें।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश: स्कूल, अस्पताल और स्टेशन से तुरंत हटें आवारा कुत्ते
कुत्तों के हमलों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहले ही सभी राज्यों को कड़े आदेश जारी कर चुका है। कोर्ट के मुताबिक:-
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स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, खेल मैदान, बस अड्डे और रेलवे स्टेशन जैसे स्थानों पर आवारा कुत्तों की मौजूदगी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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इन स्थानों से पकड़े गए कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद वापस उन्हीं जगहों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
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सभी संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पकड़े गए कुत्तों को नियत डॉग शेल्टर में भेजा जाए।
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ऐसी जगहों पर मजबूत बार्डरिंग या फेंसिंग की जाए ताकि कुत्ते दोबारा प्रवेश न कर सकें।
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मुख्य सचिवों को आदेश दिया गया है कि इन निर्देशों का सख्ती से पालन हो, नहीं तो संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।