गुजरात हाईकोर्ट के आदेश से पूरा देश स्तब्ध है... पीएम मोदी की डिग्री पर केजरीवाल ने फिर बोला हमला

Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Apr, 2023 03:00 PM

kejriwal targeted the high court order

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर फिर हमला बोला है। उनका कहना है कि जिन लोगों को पीएम मोदी की की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानने का अधिकार है, वे गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले से 'स्तब्ध' हैं।

नेशनल डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर फिर हमला बोला है। उनका कहना है कि जिन लोगों को पीएम मोदी की की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानने का अधिकार है, वे गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले से ''स्तब्ध'' हैं।

केजरीवाल पर 25,000 रुपए का जुर्माना
गुजरात उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के सात साल पुराने उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को मोदी की डिग्री के बारे में केजरीवाल को जानकारी मुहैया कराने को कहा गया था। सीआईसी के आदेश के खिलाफ गुजरात विश्वविद्यालय की अपील को स्वीकार करते हुए, न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव ने केजरीवाल पर 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया और उन्हें चार सप्ताह के भीतर गुजरात राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (जीएसएलएसए) को राशि जमा करने के लिए कहा।

डिग्री वैध है तो गुजरात विश्वविद्यालय क्यों नहीं दिखा रहा 
केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "उच्च न्यायालय के आदेश से पूरा देश स्तब्ध है क्योंकि लोकतंत्र में सूचना मांगने और सवाल पूछने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।" उन्होंने आरोप लगाया, 'उच्च न्यायालय के आदेश ने प्रधानमंत्री की शिक्षा पर संदेह बढ़ा दिया है।' दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने गुजरात विश्वविद्यालय या दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की होती तो उन्हें इसका जश्न मनाना चाहिए था, इसके बजाय वे जानकारी छिपा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, 'अगर मोदी की वैध डिग्री है तो गुजरात विश्वविद्यालय इसे क्यों नहीं दिखा रहा है।'

केजरीवाल ने कहा कि, गुजरात विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी देने के लिए तैयार नहीं होने के केवल दो कारण हो सकते हैं - यह या तो मोदी के अहंकार के कारण है, या उनकी डिग्री नकली है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अनपढ़ होना "अपराध या पाप" नहीं है क्योंकि देश में बहुत गरीबी है। "हम में से कई परिवारों में वित्तीय स्थिति के कारण औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने की स्थिति में नहीं हैं।" उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी इस तरह की गरीबी देश को पीड़ित कर रही है।

पढ़े-लिखे होते तो नोटबंदी लागू नहीं करते
केजरीवाल ने मोदी की शिक्षा पर अपने सवाल पर जोर देते हुए कहा कि देश के "शीर्ष प्रबंधक" होने के कारण यह सवाल अनिवार्य हो जाता है, मोदी को हर दिन कई महत्वपूर्ण फैसले लेने पड़ते हैं, जिनमें विज्ञान और अर्थव्यवस्था से संबंधित फैसले भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री अगर पढ़ा-लिखा नहीं होगा तो अधिकारी और तरह-तरह के लोग कहीं भी आकर उसके हस्ताक्षर ले लेंगे, उससे कुछ भी पास करवा लेंगे, जैसे नोटबंदी (नोटबंदी) जिसके कारण देश को बहुत नुकसान उठाना पड़ा।” सीएम ने कहा, 'अगर प्रधानमंत्री मोदी पढ़े-लिखे होते तो नोटबंदी लागू नहीं करते।'

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