जानें कौन थी शीला कौल, जिनके बंगले में प्रियंका गांधी बसाएंगी अपना आशियाना

Edited By Anil dev,Updated: 10 Oct, 2019 12:17 PM

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लखनऊ (Lucknow) में प्रियंका गांधी  (Priyanka gandhi) ने जिनके बंगले को अपना आशियाना बनाने का फैसला किया है उनका कांग्रेस और गांधी परिवार से बड़ा गहरा नाता रहा है। प्रियंका गांधी कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं शीला कौल (Sheila kaul) के बंगले में रहकर...

नई दिल्ली: लखनऊ (Lucknow) में प्रियंका गांधी  (Priyanka gandhi) ने जिनके बंगले को अपना आशियाना बनाने का फैसला किया है उनका कांग्रेस और गांधी परिवार से बड़ा गहरा नाता रहा है। प्रियंका गांधी कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं शीला कौल (Sheila kaul) के बंगले में रहकर उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नजर रखेंगी। शीला कौल का जन्म 19 फरवरी 1915 था। उनका विवाह कमला नेहरू के भाई और प्रसिद्ध वनस्पति विज्ञानी कौशल नाथ कौल के साथ हुआ था। कौशल नाथ कौल ने लखनऊ में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान की स्थापना की थी। शीला कौल ने आजादी की लड़ाई में एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी हिस्सा लिया था। शीला कौल देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भाभी और इंदिरा गांधी की मामी थीं।

 

संभाला पार्षद से लेकर राज्यपाल तक का पद
100 साल के अपने लंबे जीवन में उन्होंने कैबिनेट मंत्री से लेकर राज्यपाल तक का पद भार संभाला। इतनी ही नहीं शीला कौल ब्रिटिश भारत में पंजाब राज्य की बैडमिंटन चैंपियन भी थीं। पार्षद के पद से राजनीतिक सफर शुरू करने वाली शीला कौल ने राज्यपाल तक का पद भार संभाला। 1959 से लेकर 1965 तक कौल लखनऊ नगर निगम की पार्षद रहीं। 1968 से 1971 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्य रहीं। 5 बार भारतीय संसद की सदस्य रहीं कौल ने 1980-84 और 1991-95 तक केंद्रीय मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दी। 1995-96 तक एक साल उन्होंने हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल का पद भी संभाला।


महिला सशक्तिकरण और शिक्षा पर जोर
अपने समय में जब महिलाओं की स्थिति दयनीय हुआ करती थी तब उन्होंने महिला सशक्तिकरण और शिक्षा पर जोर दिया। कौल ने 1975 में बर्लिन में अंतरराष्ट्रीय महिला कांग्रेस में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। 1980 में कोपेनहेगन में महिलाओं की स्थिति पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र आयोग के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कौल ने हिस्सा लिया। इतना ही नहीं कौल ने 1980 से 1983 तक लगातार यूनेस्को, पेरिस के सामान्य सम्मेलन के सत्र और अन्य विकासशील देशों के शिक्षा और संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन में भी भाग लिया। कौल साल 1988 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव भी बनी।


कौल पर लगा था ये आरोप
साल 1996 में शीला कौल पर पूर्व केंद्रीय शहरी विकास मंत्री रहते हुए अपने निजी स्टाफ के सदस्यों और चालीस से अधिक अन्य व्यक्तियों को सरकारी दुकानों को किराए पर देने के लिए एक षड्यंत्र का आरोप लगा। सुप्रीम कोर्ट ने विवेकाधीन कोटे के तहत 52 दुकानों और कियोस्क को किराए पर देने के लिए कौल पर 6 मिलियन का जुर्माना लगाया।


कौल की मृत्यु के बाद उनके तत्कालीन निजी सचिव को हुई सजा
साल 2013 में 99 साल की कौल ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के 2012 के आदेश को चुनौती दी। जिसमें कहा गया था कि वो अपने खिलाफ आरोपों का जवाब देने के लिए एक एम्बुलेंस में अदालत में हाजिर हों। 13 जून 2015 को 100 साल की आयु में गाजियाबाद में शीला कौल का निधन हो गया। उनकी मृत्यु पर भारत के राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त किया। कौल की मृत्यु के एक साल बाद, साल 2016 में एक विशेष अदालत ने उनके पूर्व अतिरिक्त निजी सचिव राजन लाला, एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी, को आवंटन घोटाले में लिप्त बताते हुए 2 साल जेल की सजा सुनाई।

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