अमृतसर के बिजली बुनियादी ढांचे में प्रमुख उपलब्धियों की घोषणा

Edited By Archna Sethi,Updated: 09 May, 2025 07:58 PM

major achievements in power infrastructure of amritsar announced

अमृतसर के बिजली बुनियादी ढांचे में प्रमुख उपलब्धियों की घोषणा



चंडीगढ़, 9 मई:(अर्चना सेठी) पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने आज वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) के तहत अमृतसर के बिजली वितरण नेटवर्क के आधुनिकीकरण संबंधी प्रगति पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि अमृतसर एक प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है,  सरकार ने नुकसान को कम करने, कुशलता बढ़ाने और निवासियों व व्यवसायों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इसके पुराने बिजली ढांचे को अपग्रेड करने को प्राथमिकता दी है।

उन्होंने कहा कि यह पहल बुनियादी ढांचे की मजबूती, वोल्टेज की स्थिरता, तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसानों को कम करने और भविष्य में ग्रिड को सुरक्षित बनाने के लिए स्मार्ट तकनीकों को अपनाने जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर केंद्रित है। इस पहल में बिजली ट्रांसफार्मरों का विस्तार, पुराने कंडक्टरों को हाई-टेंपरेचर लो-सैग (एच.टी.एल.एस.) केबलों से बदलना, एडवांस्ड डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाना और चोरी वाले व पुराने संवेदनशील क्षेत्रों में भूमिगत केबलिंग करना शामिल है। इसके अलावा, संचालन संबंधी पारदर्शिता और उपभोक्ताओं को बेहतर ढंग से सेवा प्रदान करने के लिए स्मार्ट मीटरों, एस.सी.ए.डी.ए. प्रणालियों और जी.आई.एस.-आधारित निगरानी विधियों को स्थापित करने में तेजी लाई गई है।

परियोजना की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने बताया कि पाँच 12.5 एम.वी.ए. क्षमता वाले बिजली ट्रांसफार्मरों को 20 एम.वी.ए. तक अपग्रेड किया गया है, जबकि चार 20 एम.वी.ए. यूनिटों को 31.5 एम.वी.ए. तक अपग्रेड किया गया है। इसी तरह, ग्रिड की क्षमता को बढ़ाने के लिए पाँच नए 100 एम.वी.ए. ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 5,200 नए डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाने और 4,060 ओवरलोड यूनिटों को बदलने के साथ-साथ 508 किलोमीटर से अधिक हाई-टेंशन (एच.टी.) लाइनों और 299 किलोमीटर लो-टेंशन (एल.टी.) लाइनों को अपग्रेड किया गया। लोड प्रबंधन को अनुकूलित बनाने के लिए, 60 फीडरों को विभाजित किया गया है और बिजली की अधिक चोरी वाले क्षेत्रों में एरियल बंचड केबल (ए.बी.सी.) लगाई गई हैं, जिससे एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल (ए.टी. एंड सी) नुकसानों में 2 प्रतिशत की कमी आई।

कैबिनेट मंत्री ने कहा, “केंद्रीय अमृतसर में एस.सी.ए.डी.ए. प्रणालियों के एकीकरण और जी.आई.एस.-आधारित एसेट मैपिंग, जो कि शहर के 70 प्रतिशत नेटवर्क को कवर करती है, ने वास्तविक समय की निगरानी और नुकसान का पता लगाने में क्रांति ला दी है।” उन्होंने कहा कि शहरी क्लस्टरों में 2,12,900 स्मार्ट मीटर लगाने से बिलिंग संबंधी सटीकता और उपभोक्ताओं की संतुष्टि में काफी सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि इन उपायों के ठोस नतीजे सामने आए हैं, जिसमें वोल्टेज से संबंधित शिकायतों में काफी गिरावट आई है, सिस्टम की उपलब्धता 93.73 प्रतिशत से बढ़कर 97.25 प्रतिशत हो गई है और बिलिंग कुशलता में 5 प्रतिशत का सुधार हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि उपभोक्ताओं की शिकायतों और सुरक्षा संबंधी घटनाओं में आई कमी इस परियोजना की सफलता को दर्शाती है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कुल खर्च 283.05 करोड़ रुपये था और 2025 और 2027 के दौरान आने वाले प्रोजेक्टों के लिए अतिरिक्त 897.4 करोड़ रुपये रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा निवेश के 2.5 वर्षों के अंदर समाप्त होने का अनुमान है।

बिजली मंत्री ने बताया कि 2025-26 और 2026-27 के लिए आर.डी.एस.एस. के तहत 600 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है। इसमें 22 नए बिजली ट्रांसफार्मरों के लिए 69 करोड़ रुपये, 8 सब-स्टेशनों के लिए 90.05 करोड़ रुपये, 221 फीडरों के विभाजन और नवीनीकरण के लिए 103.63 करोड़ रुपये और 2,134 अतिरिक्त डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों के लिए 73.02 करोड़ रुपये शामिल हैं।

कैबिनेट मंत्री ने रास्ते के अधिकार संबंधी विवादों, मानसून के दौरान मुश्किलों, सार्वजनिक विरोध और स्टाफ की कमी जैसी चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, इन रुकावटों को हल करने के लिए मान सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और भूमिगत केबलिंग, व्यापक स्तर पर स्मार्ट मीटर लगाने, रैपिड-रिस्पांस मेंटेनेंस दस्ते, सामुदायिक जागरूकता मुहिमों और कर्मचारियों के कौशल को निखारने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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