Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Nov, 2025 12:55 PM

मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन में रहने वाले सरदार जसपिंदर सिंह का ढाई साल का बेटा मनराज घर में खेलते समय टेबल के कोने से टकरा गया और उसकी आंख के पास गंभीर चोट आ गई। शुरुआती दर्द और खून निकलने के बाद परिजन उसे शहर के एक प्राइवेट अस्पताल लेकर गए,...
नेशनल डेस्क: मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन में रहने वाले सरदार जसपिंदर सिंह का ढाई साल का बेटा मनराज घर में खेलते समय टेबल के कोने से टकरा गया और उसकी आंख के पास गंभीर चोट आ गई। शुरुआती दर्द और खून निकलने के बाद परिजन उसे शहर के एक प्राइवेट अस्पताल लेकर गए, लेकिन यहां जो इलाज हुआ, उसने सबको हैरान कर दिया।
परिवार का आरोप है कि डॉक्टर ने गंभीर घाव को टांके लगाने के बजाय 5 रुपये वाली फेविक्विक से चिपका दिया। रातभर बच्चा दर्द में तड़पता रहा, जबकि डॉक्टर लगातार आश्वस्त करता रहा कि सब ठीक हो जाएगा।
सुबह परिवार ने मनराज को लोकप्रिय अस्पताल में दिखाया, जहां डॉक्टरों ने फेविक्विक हटाने में तीन घंटे का समय लगाया। सावधानीपूर्वक फेविक्विक हटाने के बाद ही घाव की वास्तविक स्थिति सामने आई और तुरंत चार टांके लगाए गए। अस्पताल ने बताया कि अगर फेविक्विक आंख में चला जाता तो बच्चे की दृष्टि पर गंभीर असर पड़ सकता था।
मेरठ के सिटी मेडिकल ऑफिसर (CMO) डॉ. अशोक कटारिया ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच समिति गठित कर दी है। समिति यह पता लगाएगी कि प्राइवेट अस्पताल का डॉक्टर योग्य था या नहीं, अस्पताल में आपातकालीन सुविधाएँ थीं या नहीं और किस प्रकार की जिम्मेदारी का उल्लंघन हुआ। रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने वाले पर कार्रवाई की जाएगी।