Edited By Anu Malhotra,Updated: 09 Sep, 2025 08:21 AM

अगर आप हर महीने एक तय राशि कमाना चाहते हैं बिना किसी जोखिम के, तो पोस्ट ऑफिस की "मंथली इनकम स्कीम" (Monthly Income Scheme - MIS) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो एकमुश्त रकम जमा कर इसके बदले...
नेशनल डेस्क: अगर आप हर महीने एक तय राशि कमाना चाहते हैं बिना किसी जोखिम के, तो पोस्ट ऑफिस की "मंथली इनकम स्कीम" (Monthly Income Scheme - MIS) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो एकमुश्त रकम जमा कर इसके बदले में हर महीने एक निश्चित ब्याज पाना चाहते हैं।
क्या है पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम?
पोस्ट ऑफिस की यह स्कीम एक स्मॉल सेविंग स्कीम है जिसमें निवेशक एक बार में एक निश्चित राशि जमा करता है और बदले में उसे हर महीने निश्चित ब्याज के रूप में इनकम मिलती है। इस योजना को मुख्य रूप से ऐसे निवेशकों के लिए तैयार किया गया है जो सुरक्षित और नियमित आमदनी चाहते हैं, जैसे रिटायर्ड व्यक्ति, गृहिणियाँ, या ऐसे लोग जिन्हें स्थिर इनकम की आवश्यकता होती है।
मौजूदा ब्याज दर
इस स्कीम पर वर्तमान में 7.4% सालाना ब्याज दिया जा रहा है। ब्याज की रकम हर महीने आपके पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है।
कितना निवेश कर सकते हैं?
सिंगल अकाउंट: अधिकतम ₹9 लाख तक जमा कर सकते हैं।
जॉइंट अकाउंट (3 लोगों तक): अधिकतम ₹15 लाख जमा किए जा सकते हैं।
न्यूनतम निवेश राशि: सिर्फ ₹1000 से भी खाता खोला जा सकता है।
क्या है इनकम कैलकुलेशन?
अगर आप इस स्कीम में पूरे ₹9 लाख जमा करते हैं, तो आपको हर महीने लगभग ₹5550 रुपये मिलेंगे, जो सालाना 7.4% ब्याज के हिसाब से होगा। यह पैसा हर महीने सीधे आपके सेविंग्स अकाउंट में आ जाएगा, जिससे आपकी नियमित जरूरतें पूरी होती रहेंगी।
मैच्योरिटी और पैसा वापस
यह योजना 5 साल की अवधि के लिए होती है।
5 साल पूरे होने पर आपका पूरा निवेश वापस आपके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
चाहें तो आप फिर से नया अकाउंट खोलकर निवेश जारी रख सकते हैं।
खाता खोलने के लिए जरूरी बातें
पोस्ट ऑफिस एमआईएस अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पोस्ट ऑफिस का सेविंग अकाउंट होना जरूरी है।
पहचान पत्र (आधार, पैन आदि), एड्रेस प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो जरूरी होंगे।
इस योजना में टैक्स छूट का कोई लाभ नहीं है, लेकिन इनकम टैक्स के नियमों के तहत ब्याज पर टैक्स लग सकता है।