Edited By Anil dev,Updated: 02 Feb, 2021 03:51 PM
सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि सितंबर, 2020 तक प्राप्त खबरों के मुताबिक, देश के 63 जिलों में कोई ब्लड बैंक नहीं है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे से यह पूछा गया कि क्या सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम...
नेशनल डेस्क: सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि सितंबर, 2020 तक प्राप्त खबरों के मुताबिक, देश के 63 जिलों में कोई ब्लड बैंक नहीं है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे से यह पूछा गया कि क्या सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कदम उठाया है या कदम उठाएगी कि देश के सभी जिलों में कम से कम एक ब्लड बैंक हो। इस सवाल के लिखित जवाब में चौबे ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, राज्य का विषय है और राज्य सरकारों की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे अपनी आवश्यकता के अनुसार ब्लड बैंकों की स्थापना सुनिश्चित करें।
बिना ब्लड बैंक वाले 63 जिलों में अरुणाचल प्रदेश के 14 जिले
चौबे ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राज्यों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों के आधार पर मौजूदा ब्लड बैंकों को मजबूत करने / नए ब्लड बैंक स्थापित करने सहित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली को मजबूत करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है। बिना ब्लड बैंक वाले 63 जिलों में अरुणाचल प्रदेश के 14 जिले, असम और बिहार के 5-5 जिले, मणिपुर के 12 जिले, मेघालय के सात जिले और नागालैंड के नौ जिले शामिल हैं। चौबे ने कहा कि नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल, एमओएचएफडब्ल्यू ने ब्लड बैंक नीति तैयार की है, जिसके अनुसार हर जिले में कम से कम एक ब्लड बैंक होना चाहिए।
ब्लड बैंक चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य
ब्लड बैंक स्थापित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और नियमों के तहत रखा गया है, जिसके तहत ब्लड बैंक चलाने के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। देश में लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंकों की संख्या 3,321 है जिन्होंने 2019-20 में 1.27 करोड़ ब्लड यूनिट का संग्रह किया। यह पूछे जाने पर कि क्या देश में सक्रिय इन बैंकों में रक्त की कमी की खबरें हैं, चौबे ने कहा, रक्क्त आपूर्ति में कमी के बारे में ऐसे कोई उदाहरण नहीं मिले हैं।