West Bengal Elections: क्या अपने राजनीतिक करियर के सबसे मुश्किल दौर में हैं ममता बनर्जी?

Edited By Updated: 22 Dec, 2020 11:49 AM

national news punjab kesari west bengal

श्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में अभी करीब 6 महीने बाकी हैं, लेकिन जिस तरह तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को झटका देते हुए शेभेन्दु अधिकारी, टीएमसी सांसद सुनील मंडल और टीएमसी, लेफ्ट और कांग्रेस के 9 अन्य विधायकों ने बीजेपी में...

नेशनव डेस्क: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में अभी करीब 6 महीने बाकी हैं, लेकिन जिस तरह तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को झटका देते हुए शेभेन्दु अधिकारी, टीएमसी सांसद सुनील मंडल और टीएमसी, लेफ्ट और कांग्रेस के 9 अन्य विधायकों ने बीजेपी में एंट्री ली है अब ऐसा लग रहा है कि आने वाला समय दीदी के लिए काफी मुश्किल साबित होने वाला है। विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी की ओर से मिलने वाली चुनौतियों और पार्टी में लगातार तेज होती बगावत को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक हलकों में यह सवाल अब पूछा जा रहा है कि क्या बंगाल की शेरनी के नाम से मशहूर ममता बनर्जी अपने राजनीतिक करियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रही हैं?

PunjabKesari

अकेली रह जाएंगी ममता
वहीं तृणमूल कांग्रेस से सर्वाधिक नेताओं के पार्टी छोडऩे के घटनाक्रम में दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और पांच विधायकों एवं एक सांसद समेत 34 अन्य नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का झंडा थाम लिया। शाह ने इस मौके पर दावा किया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आने तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी में अकेली रह जाएंगी।  शाह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का मां, माटी, मानुष का नारा वसूली, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद में तब्दील हो गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीत कर भाजपा राज्य में अगली सरकार बनाएगी। शाह ने ममता पर तंज कसते हुए कहा, जिस तरह से नेता आपकी पार्टी को छोड़ कर जा रहे हैं, चुनाव आने तक ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस में अकेली रह जाएंगी। शाह ने कहा, जिस तरह की सुनामी आज मैं देख रहा हूं, उसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। 

PunjabKesari
 

2014 से 2019 तक पश्चिम बंगाल में बीजेपी की बढ़त शानदार रही
2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 लोकसभा सीटों में 18 सीटें जीतकर तृणमूल कांग्रेस को हैरान कर दिया था। अगर विधानसभा क्षेत्रवार देखें तो बीजेपी ने 121 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की जबकि टीएमसी ने 164 विधानसभा सीटों पर। 2014 से 2019 तक पश्चिम बंगाल में बीजेपी की बढ़त शानदार रही, वहीं तृणमूल कांग्रेस दक्षिण और मध्य बंगाल में अपनी पकड़ बनाए रखने में कामयाब रही। 

PunjabKesari


टीएमसी के लिए भाजपा की घेरेबंदी को तोडऩा है बड़ी चुनौती
चुनाव से पहले भाजपा के कईं ऐसे नेता है जो आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल के सरकारी दौरे पर आते रहेंगे और अहम रोल अदा करेंगे। मसलन, हाल में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आधिकारिक यात्रा पर बंगाल आए तो उसी दौरान दुर्गापुर और आसनसोल के 9 विधानसभा क्षेत्रों के पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक करके गए। जानकारी के मुताबिक पार्टी की नीति के तहत वहां लगातार नई टीमें बन रही हैं और उसी के हिसाब से उनके बीच कामों का बंटवारा भी किया जा रहा है। पार्टी की कोशिश है कि समाज के हर वर्ग के नेताओं को बंगाल के मैदान में उतार दे, ताकि ममता बनर्जी पर दबाव बनाकर पश्चिम बंगाल में जीत प्राप्त कर सके। तृणमूल कांग्रेस की चौतरफा घेरने के लिए भाजपा एक प्लान के तहत काम कर रही है ताकि कहीं भी कोई गलती न हो। 

PunjabKesari

 ममता के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने किया दावा 
पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की चुनावी रणनीति प्रशांत किशोर संभाल रहे हैं।  चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्विटर पर दावा किया कि पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को दहाई का आंकड़ा पार करने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। उन्होंने ट्वीट किया, समर्थक मीडिया के एक वर्ग द्वारा बढ़ा-चढ़ा कर बनाए गए माहौल के विपरीत पश्चिम बंगाल में भाजपा को दो अंक का आंकड़ा पार करने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी। किशोर ने कहा, कृपया यह ट्वीट सुरक्षित कर लीजिये और अगर भाजपा इससे अच्छा प्रदर्शन करती है तो मैं ट्विटर छोड़ दूंगा। अब आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि ममता सरकार एक बार फिर सरकार बना पाती है या नहीं। 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!