Edited By Yaspal,Updated: 11 Aug, 2020 08:31 PM
भारतीय नौसेना अब और मजबूत होने जा रही है। भारत सरकार ने तय किया है कि वह 42 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली स्टील्थ सबमरीन बनाने की योजना को हरी झंडी देगी। इसके तहत नई जनरेशन की 6 पनडुब्बियां बनाई जाएंगी। इन सभी का निर्माण भारत सरकार की महत्वाकांक्षी...
नई दिल्लीः भारतीय नौसेना अब और मजबूत होने जा रही है। भारत सरकार ने तय किया है कि वह 42 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली स्टील्थ सबमरीन बनाने की योजना को हरी झंडी देगी। इसके तहत नई जनरेशन की 6 पनडुब्बियां बनाई जाएंगी। इन सभी का निर्माण भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया के अंतर्गत होगा।
बता दें केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया के अंतर्गत डोमेस्टिक प्रॉडक्शन्स को बढ़ावा देने के लिए साल 2017 की मई में स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप पॉलिसी की घोषणा की थी। इसी पॉलिसी के तहत सबसे पहले इन्ही पनडुब्बियों को बनाया जाएगा. इसके लिए विदेशी कंपनियों की मदद ली जाएगी, लेकिन इसका निर्माण भारत में ही होगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी दी कि इसका टेंडर अगले महीने तक जारी हो सकती है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को कहा कि रक्षा शिपयार्ड मझगांव डॉक्स और पनडुब्बी कार्यक्रम के लिए निजी जहाज-निर्माता एलएंडटी, प्रोजेक्ट -75 इंडिया के लिए टेंडर 'अगले महीने तक जारी किया जाना चाहिए।'
ये हैं पांच शॉर्ट लिस्टेड कंपनियां
दो भारतीय शिपयार्ड को पहले से शॉर्ट-लिस्ट में लिस्टेड पांच ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर के साथ साझेदारी के बाद आरएफपी में अपनी तकनीकी और वाणिज्यिक बोलियाँ प्रस्तुत करनी होंगी पांच ओईएम रुबिन डिजाइन ब्यूरो (रूस), नेवल ग्रुप-डीसीएनएस (फ्रांस), थिसेनकृप मरीन सिस्टम्स (जर्मनी), नवैन्टिया (स्पेन) और देवू (दक्षिण कोरिया) हैं। नौसेना को उम्मीद है कि साल 2021-2022 के बाद पहली नई पनडुब्बी P-75I आ जाएगी। फिलहाल नौसेना के पास वर्तमान में केवल दो नए स्कॉर्पीन और 13 पुराने डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के अलावा दो परमाणु-संचालित पनडुब्बियां हैं। एमडीएल में 23,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट -75 के तहत 2022 तक फ्रेंच मूल की स्कॉर्पीन की चार और डिलीवरी की जाएंगी।
बता दें हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी नौसेना की उपस्थिति का विस्तार कर रहा चीन के पास पहले से ही 50 डीजल-इलेक्ट्रिक और 10 परमाणु पनडुब्बियां हैं. पाकिस्तान के पास पांच पनडुब्बियां हैं। वह अगले साल से आठ नई चीनी युआन-क्लास पनडुब्बियों को शामिल करना शुरू कर देगा।