Edited By Radhika,Updated: 14 Nov, 2025 11:11 AM

बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हुई वोटिंग की आज मतगणना जारी है। नतीजों के शुरुआती रुझानों में NDA बहुमत के जादुई आंकड़े (122 सीट) को पार करता हुआ दिखाई दे रहा है। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ NDA और विपक्षी महागठबंधन के बीच रहा है। वहीं कुछ सीटों पर...
नेशनल डेस्क: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर हुई वोटिंग की आज मतगणना जारी है। नतीजों के शुरुआती रुझानों में NDA बहुमत के जादुई आंकड़े (122 सीट) को पार करता हुआ दिखाई दे रहा है। मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ NDA और विपक्षी महागठबंधन के बीच रहा है। वहीं कुछ सीटों पर जनसुराज ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
रुझानों में स्पष्ट बहुमत मिलने के साथ ही NDA खेमे में उत्साह है, लेकिन अब JDU और BJP में 'बड़े भाई' (यानी गठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी) बनने की रेस शुरू हो गई है। हालांकि, यह तय है कि NDA अगर जीतता है, तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री पद संभालेंगे।
दूसरी ओर महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के प्रयासों को एक बड़ा झटका लग सकता है। रुझानों के विश्लेषण से पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन महागठबंधन की एक कमजोर कड़ी साबित हुआ है, जिसके चलते तेजस्वी के नेतृत्व वाले गठबंधन को अपेक्षित सीटें नहीं मिल पाई हैं।
जनता ने सुशासन को चुना या बदलाव को?
चुनाव से पहले दोनों ही गठबंधनों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए थे। रिकॉर्ड तोड़ वोटिंग को लेकर भी दोनों के अपने तर्क थे। NDA इसे सुशासन और विकास के समर्थन में मिला जनादेश बता रहा है, तो विपक्ष इसे परिवर्तन की जनता की तीव्र इच्छा का संकेत मान रहा था। कुछ ही घंटों में यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि बिहार की जनता ने राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार को फिर से मौका दिया है, या फिर उसने बदलाव का रास्ता चुनते हुए तेजस्वी यादव को सत्ता सौंपी है।