Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 16 Feb, 2025 11:14 AM

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक दिल दहला देने वाली भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई। यह घटना करीब रात 10 बजे हुई, जब हजारों श्रद्धालु महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज जा रहे थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि स्टेशन पर नियंत्रण रखना प्रशासन के...
नेशनल डेस्क: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक दिल दहला देने वाली भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई। यह घटना करीब रात 10 बजे हुई, जब हजारों श्रद्धालु महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज जा रहे थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि स्टेशन पर नियंत्रण रखना प्रशासन के लिए मुश्किल हो गया। इस हादसे में एक एयर फोर्स अधिकारी की आंखों देखी गवाही सामने आई है, जिसमें उन्होंने बताया कि प्रशासन के सभी प्रयासों के बावजूद भीड़ बेकाबू रही। महाकुंभ 2025 के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में ट्रेन पकड़ने के लिए दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। इस दौरान स्टेशन पर इतनी भीड़ हो गई कि सामान्य यात्री अपनी यात्रा में परेशानी महसूस करने लगे। हादसा रात के करीब 10 बजे हुआ, जब भीड़ अधिक बढ़ गई और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
एयर फोर्स अधिकारी की गवाही
हादसे के बाद एयर फोर्स के सार्जेंट अजीत ने घटना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि स्टेशन पर घोषणाएं की जा रही थीं और लोगों से अपील की जा रही थी कि वे बड़ी संख्या में इकट्ठा न हों, लेकिन लोग नहीं माने। अजीत ने बताया, "रेलवे स्टेशन पर हमारी त्रि-सेवा का कार्यालय है। जब मैं ड्यूटी के बाद लौट रहा था, तो वहां इतनी भीड़ थी कि मैं आगे नहीं बढ़ सका। मैंने लोगों को समझाने की कोशिश की और प्लेटफॉर्म पर एक साथ इकट्ठा होने से बचने की अपील की, लेकिन लोग नहीं सुन रहे थे।" उन्होंने आगे बताया कि प्रशासन दुर्घटनाओं से बचने के लिए पूरी मेहनत कर रहा था, लेकिन हालात इतने बेकाबू थे कि कोई असर नहीं पड़ा। अजीत ने अपने एक दोस्त की मदद से घायल लोगों की मदद भी की और उन्हें अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया। इस घटना से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह था कि स्टेशन पर VIP मूवमेंट के लिए अच्छे इंतजाम किए गए थे, लेकिन आम लोगों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई थी। एयर फोर्स अधिकारी अजीत के मुताबिक, स्टेशन पर इमरजेंसी के लिए प्रशासन की ओर से कुछ भी खास इंतजाम नहीं किए गए थे, और यही कारण था कि भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। प्रशासन को पहले से इस तरह की स्थिति का अंदाजा होना चाहिए था, जब इतनी बड़ी संख्या में लोग यात्रा कर रहे थे।