Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Jul, 2020 12:48 PM
''सामना'' के 33 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी गैर-शिवसेना नेता का पार्टी के मुखपत्र में मैराथन इंटरव्यू छापा हो। अब तक इसने दिवंगत बाल ठाकरे और उद्धव ठाकरे के ही साक्षात्कार प्रकाशित किए हैं। दरअसल राकांपा अध्यक्ष शरद पवार का शिवसेना...
नेशनल डेस्कः 'सामना' के 33 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी गैर-शिवसेना नेता का पार्टी के मुखपत्र में मैराथन इंटरव्यू छापा हो। अब तक इसने दिवंगत बाल ठाकरे और उद्धव ठाकरे के ही साक्षात्कार प्रकाशित किए हैं। दरअसल राकांपा अध्यक्ष शरद पवार का शिवसेना सांसद और सामना के एग्जीक्यूटिव एडिटर संजय राउत ने इंटरव्यू लिया। NCP चीफ शरद पवार पहले ऐसे गैर-शिवसेना नेता बन गए हैं, जिनका इंटरव्यू सामना में प्रकाशित किया गया। भाजपा पर निशाना साधते हुए राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि नेताओं को मतदाताओं का महत्व न समझने की भूल नहीं करनी चाहिए क्योंकि इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे शक्तिशाली नेताओं को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पिछले साल के विधानसभा चुनाव के दौरान ‘मी पुन: येन’ (मैं दोबारा आऊंगा) के राग की आलोचना करते हुए, पवार ने कहा कि मतदाताओं ने सोचा कि इस रुख में अहंकार की बू आ रही है और महसूस किया कि इन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए। पवार ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे नीत सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी के सहयोगियों- शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस में मतभेदों की खबरों में ‘रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। वहीं पवार के इंटरव्यू पर भाजपा नेता नारायण राणे ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने राकांपा प्रमुख शरद पवार का साक्षात्कार लिया क्योंकि साक्षात्कार के लिए शिवसेना में कोई नेता नहीं बचा है।