Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 11:03 AM
मोहम्मद अली जिन्ना इतिहास में दर्ज एक ऐसा नाम है जिसे आजाद हिंदुस्तान का हर बाशिंदा नफरत के साथ याद करता है और देश विभाजन की बहुत ही कड़वी यादें जहन में आ जाती हैं
नई दिल्ली: मोहम्मद अली जिन्ना इतिहास में दर्ज एक ऐसा नाम है जिसे आजाद हिंदुस्तान का हर बाशिंदा नफरत के साथ याद करता है और देश विभाजन की बहुत ही कड़वी यादें जहन में आ जाती हैं लेकिन हाल ही की एक किताब में दावा किया गया है कि अगर जिन्ना मुसलमानों के लिए एक अलग राष्ट्र की मांग पर अड़े नहीं रहते तो साल 2050 तक अविभाजित हिंदुस्तान में मुसलमानों की आबादी 75 करोड़ हो जाती और यह विश्व में सबसे बड़ा मुस्लिम देश होता।
इस लिहाज से जिन्ना एक महान हिंदुस्तानी थे जिन्होंने हिन्दुस्तान को हिन्दुस्तान ही रहने दिया, उसे मुस्लिम देश होने से बचा लिया। एक अंग्रेजी समाचारपत्र कंसल्टिंग एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार वीरेन्द्र पंडित द्वारा लिखी गई किताब ‘रिटर्न ऑफ दि इन्फिडेल’ कहती है, ‘‘गांधी नहीं, जिन्ना आधुनिक भारत के राष्ट्रपिता थे।’’